महाराष्ट्र विधानसभा से 1 साल के लिए निलंबित 12 भाजपा एमएलए ने SC में दी चुनौती, फडनवीस ने आरोप को बताया झूठा
निलंबित भाजपा विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले वकील अभिकल्प प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने निलंबित विधायकों की ओर से सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है.
नई दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किए जाने के फैसले को भाजपा के 12 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. भाजपा के इन विधायकों को तथाकथित तौर पर पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के मामले में राज्य विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किया गया है. वहीं, इस मामले में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने विधायकों पर लगाए गए आरोप को झूठा बताया है.
निलंबित भाजपा विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले वकील अभिकल्प प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने निलंबित विधायकों की ओर से सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि इन विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किए जाने के विधानसभा की ओर से पारित प्रस्ताव को चुनौती दी है. इन विधायकों को 5 जुलाई 2021 को पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यहार किए जाने के आरोप में विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किया गया है.
बता दें कि बीते 5 जुलाई को पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ तथाकथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने के मामले में भाजपा के जिन विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किया गया है, उनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया शामिल हैं. इन विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
उधर, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप को झूठा करार देते हुए कहा था कि घटना के बारे में जाधव का विवरण एकतरफा था. उन्होंने कहा कि यह एक झूठा आरोप है और विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम करने का प्रयास है, क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा सदस्यों ने पीठासीन अधिकारियों से दुर्व्यवहार नहीं किया. हालांकि, जाधव ने इस आरोप की जांच कराने की मांग की थी कि शिवसेना के कुछ सदस्यों और उन्होंने खुद अभद्र टिप्पणी की थी और कहा था कि अगर यह साबित होता है, तो वह किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं.
Posted by : Vishwat Sen