स्वपन दास गुप्ता और राम जेठमलानी के बेटे राज्यसभा सदस्य के लिए मनोनीत, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया मनोनयन
राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी को दिवंगत सांसद रघुनाथ महापात्रा के खाली हुए पद पर राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. राज्यसभा सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल मई 2024 तक रहेगा. महेश जेठमलानी राम जेठमलानी के बेटे होने के साथ ही वरिष्ठ वकील भी है और वे देश के कानून मंत्री रह चुके हैं. महेश जेठमलानी की गिनती देश के महंगे वकीलों में की जाती है. साल 2009 में उन्होंने प्रिया दत्त के खिलाफ लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे.
नई दिल्ली : अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तारकेश्वर क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले स्वपन दास गुप्ता को एक बार फिर उच्च सदन का सदस्य मनोनीत किया गया है. उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद चुनावी मैदान में ताल ठोंकी थी. हालांकि, इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही, राम जेठमलानी के बेटे और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी को भी राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत किया गया है. इनके मनोनयन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मुहर लगा दी है.
राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी को दिवंगत सांसद रघुनाथ महापात्रा के खाली हुए पद पर राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. राज्यसभा सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल मई 2024 तक रहेगा. महेश जेठमलानी राम जेठमलानी के बेटे होने के साथ ही वरिष्ठ वकील भी है और वे देश के कानून मंत्री रह चुके हैं. महेश जेठमलानी की गिनती देश के महंगे वकीलों में की जाती है. साल 2009 में उन्होंने प्रिया दत्त के खिलाफ लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे.
इससे पहले सोमवार को जेठमलानी ने खुद अपने मनोनेयन की जानकारी दी थी. जेठमलानी ने कहा था कि मुझे राज्यसभा के लिए नामित किए जाने की सूचना दी गई है. कई बड़े मामलों में पैरवी कर चुके उनके पिता और मशहूर वकील राम जेठमलानी भी राज्यसभा सदस्य थे. महेश जेठमलानी का नामांकन ऐसे वक्त में आया है, जब हाल में नामित किए जाने की श्रेणी में दो सीट खाली हुईं.
वहीं, स्वपन दासगुप्ता ने इस साल मार्च में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा था. हालांकि अब उन्हें दोबारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया है. वहीं, राज्यसभा में सांसद का दूसरा पद तब खाली हुआ, जब रघुनाथ महापात्र का इसी महीने कोरोना की वजह से निधन हो गया. राष्ट्रपति केंद्र के परामर्श पर राज्यसभा के लिए 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं. इसमें साहित्य, विज्ञान, खेलकूद, कला एवं समाज सेवा जैसे क्षेत्रों की बड़ी हस्तियां शामिल हैं.
Posted by : Vishwat Sen