Swati Maliwal case: विभव कुमार को लेकर मुंबई क्यों जा रही है दिल्ली पुलिस? जानें वजह
Swati Maliwal case: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के आरोपी विभव कुमार को लेकर दिल्ली पुलिस मुंबई जा सकती है. जानें आखिर क्या है वजह
Swati Maliwal case: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के मामले की जांच पुलिस ने तेज कर दी है. दिल्ली पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है. इस बीच जो खबर चल रही है उसके अनुसार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को पुलिस मुंबई लेकर जा रही है. बताया जा रहा है कि जिस फोन में वीडियो रिकॉर्ड किया गया था उसे मुंबई में फॉर्मेट किया गया है. इसकी जांच के लिए दिल्ली पुलिस मालीवाल से मारपीट के आरोपी विभव कुमार को लेकर मुंबई जा रही है.
आप सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में जांच के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार को पुलिस दिल्ली हवाईअड्डे लेकर पहुंची जिसका वीडियो सामने आया है. आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में कहा था कि वे विभव कुमार को मुंबई उस जगह ले जाएंगे जहां उन्होंने अपना फोन फॉर्मेट किया था.
‘आप’ नेता क्या लगा रहे हैं स्वाति मालीवाल पर आरोप
इस बीच आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के मंत्री उनके बारे में झूठ फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने मंत्रियों को कोर्ट में ले जाने की धमकी दी है. मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया और ‘आप’ नेताओं के उन आरोपों का खंडन किया कि जिसमें कहा जा रहा है कि बीजेपी के इशारे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई गई है. ‘आप’ नेताओं की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि शिकायत इसलिए दर्ज कराई गई है क्योंकि मालीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था.
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क्या कहा स्वाति मालीवाल ने
‘आप’ की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा कि दिल्ली के मंत्री झूठ फैलाने में लगे हुए हैं. वे कह रहे हैं कि मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर केस दर्ज किया गया है, इसलिए बीजेपी के इशारे पर मैंने ये सब किया. तो मैं कहना चाहूंगी कि प्राथमिकी आठ साल पहले 2016 में हो चुकी थी जिसके बाद मुझे मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल दोनों ने दो बार और महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया. आगे उन्होंने लिखा कि मामला पूरी तरह फर्जी है. इसपर 1.5 साल से माननीय हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है और माना है कि पैसे का कोई लेनदेन हुआ ही नहीं है.