इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti at India Gate) का हिस्सा रही ऐतिहासिक राइफल और सैनिक के हेलमेट को शुक्रवार को राष्ट्रीय समर स्मारक ले जाया गया. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने बताया कि सशस्त्र बलों ने इंडिया गेट से उलटी राइफल और हेलमेट राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के परम योद्धा स्थल पर पहुंचा दिया है. उल्लेखनीय है कि यह राइफल और हेलमेट 1971 के युद्ध के शहीद सैनिकों का प्रतीक है.
Also Read: अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल ले जाना भावुक पल, Mann ki Baat में बोले PM Modi, शहीदों का योगदान अमर
मंत्रालय ने बताया कि राइफल और हेलमेट को परम वीर चक्र विजेताओं की आवक्ष प्रतिमाओं के बीच स्थापित किया गया. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इस समारोह के साथ, 1971 के शहीद सैनिकों के स्मारक का एकीकरण राष्ट्रीय समर स्मारक में पूरा हो गया. समारोह का नेतृत्व चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन, चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) एयर मार्शल बी आर कृष्णा ने किया. इसमें तीनों सशस्त्र बलों (थल सेना, वायु सेना और नौ सेना) के वरिष्ठ अधिकारी भी शरीक हुए.
इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति को जनवरी में राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति में विलय कर दिया गया था. राष्ट्रीय समर स्मारक, इंडिया गेट से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित है. अमर जवान ज्योति का निर्माण उन भारतीय सैनिकों के एक स्मारक के तौर पर किया गया था जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत विजयी रहा था.
अमर जवान ज्योति का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को किया था. अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय जवानों की याद में किया गया था जो 1971 के युद्ध में शहिद हुए थे. इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना को घुटनों पर लाकर उसके 93 हजार सैनिकों को कब्जे में लिया और बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी.