नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण से इस समय पूरा देश संकट की स्थिति में है. करीब 19 हजार लोग इसके चपेट में आ चुके हैं और 6 सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. देश में कोरोना संक्रमण के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और इसके प्रमुख मौलाना साद की लगातार तलाश की जा रही है. जब से मरकज का मामला सामने आया है उसके बाद से ही मौलाना साद फरार है. इस बीच साद पहली बार मीडिया से बात की है और कई सवालों के जवाब भी दिया है. हिन्दुस्तान टाइम्स को दिये इंटरव्यू में साद ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के लिए जमात को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए.
मौलाना साद लगातार दिल्ली पुलिस से बच रहा है, लेकिन अब तक दो बार उसने अपने अनुयायियों को ऑडियो टेप के माध्यम से संबोधित कर चुका है. अंग्रेजी मीडिया के साथ बातचीत में साद ने कहा, मरकज के इमारत में कोई भी गैर-कानूनी गतिविधि नहीं हुई है.
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उनसे धार्मिक कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं लेने पर कहा, मरकज निजामुद्दीन मूल रूप से एक मस्जिद है, जहां सालों भर सामान्य धार्मिक उपदेश दिए जाते हैं. साद ने कहा, मस्जिद होने के नाते, मुझे नहीं लगता कि भवन के भीतर उपदेश देने या अन्य धार्मिक प्रवचन के लिए अनुमति की कोई आवश्यकता है.
साद ने कहा, मैं होम क्वारंटाइन में हूं और पुलिस को उसके ठिकाने के बारे में पूरी जानकारी है. मालूम हो दिल्ली पुलिस ने साद को पहले कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा था, लेकिन साद ने अब अपना कोरोना टेस्ट नहीं कराया है.
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी, जमात से संबंधित ट्रस्ट और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 31 मार्च को मौलाना और सात अन्य के खिलाफ निजामुद्दीन थाने के एसएचओ की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी.
इस मामले पर भी साद ने कहा, मुझे अब तक कोई नोटिस नहीं मिली है. उसने जमात में विदेशी फंडिंग वाले आरोपों को भी गलत बताया और कहा, जमात में कोई भी गैर-कानूनी काम नहीं होता.
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साद ने वीजा नियमों के उल्लंघन मामले पर सफाई देते हुए कहा कि लोग दशकों से देश में इस तरह से अनुमति लेकर आते रहे हैं. हम हमेशा मरकज निजामुद्दीन में विदेशियों की उपस्थिति की रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों को देते हैं. उसने कहा, मरकज न तो किसी विदेशी को आमंत्रित करता है और न ही यह विदेशियों के लिए किसी वीजा को स्पॉन्सर करता है.
उसने जमात पर कोरोना फैलाने के आरोप को गलत बताया और कहा, यह दुखद है कि कुछ सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं, लेकिन अधिकतर जमात के लोगों का कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आया है. मालूम हो स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो आंकड़े दिये गये हैं उसके अनुसार देश में 29 प्रतिशत कोरोना के केस जमात के कारण आये हैं, वहीं दिल्ली में 63 प्रतिशत कोरोना के मामले केवल जमात से है.
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गौरतलब है कि तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी ने सोमवार को अपने अनुयायियों से अपील की कि वे रमजान के महीने के दौरान अपने घरों में ही नमाज अदा करें. साद ने एक बयान में कहा, मैं भारत और विदेश में सभी से निवेदन करता हूं कि स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारों के दिशानिर्देशों और हिदायतों का सख्ती से पालन करें और जब तक पाबंदियां लागू हैं, कृप्या घरों में ही नमाज अदा करें. साथ ही ऐसे में हमें किसी बाहरी व्यक्ति को आंमत्रित नहीं करना चाहिए.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता में तबलीगी जमात का हवाला देते हुए कहा था कि पिछले महीने निजामुद्दीन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विदेश से आए यात्रियों के कारण कोरोना वायरस का प्रसार बेहद तेजी से हुआ. दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने 31 मार्च को मौलाना साद समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.