Taliban Updates: अफगानिस्तान में तालिबान युग शुरू, बोले तालिबानी प्रवक्ता- भारत-पाक विवाद में नहीं पड़ना हमें
Taliban News- अब एक ओर तालिबान को भारत संग अच्छे रिश्ते चाहिए. वहीं दूसरी तरफ भारत की पाकिस्तान संग जारी तनाव को लेकर उसे कुछ नहीं कहना है. तालिबान ने जोर देकर कहा है कि उसे भारत-पाकिस्तान विवाद में नहीं पड़ना है.
Taliban News: जब भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तो अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो रहा था. जी हां…अफगानिस्तान में तालिबान युग लौट चुका है. अफगानिस्तान में आतंक के रास्ते सत्ता तक पहुंचा तालिबान भारत संग अच्छे रिश्ते की वकालत करता नजर आ रहा है. एक न्यूज चैनल से बात करते हुए तालिबानी प्रवक्ता ने कहा है कि उन्हें भारत संग मजबूत रिश्ते बनाने हैं. भारत के राजनयिक अफगानिस्तान में एकदम सुरक्षित रहेंगे और किसी को नये शासन से घबराने की आवश्यकता नहीं हैं. उक्त बातें तालिबानी प्रवक्ता Zabihullah Mujahid ने कही है.
अब एक ओर तालिबान को भारत संग अच्छे रिश्ते चाहिए. वहीं दूसरी तरफ भारत की पाकिस्तान संग जारी तनाव को लेकर उसे कुछ नहीं कहना है. तालिबान ने जोर देकर कहा है कि उसे भारत-पाकिस्तान विवाद में नहीं पड़ना है. दोनों देशों की अपनी समस्या हैं. तालिबान इसमें नहीं पड़ेगा. इधर काबुल की दहलीज पर खड़े तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में शांति के नए युग का वादा किए जाने के बावजूद आम अफगानों के दिलों में क्रूर शासन की वापसी का डर घर करने लगा है.
तमाम लोगों को डर है कि तालिबान उन सभी अधिकारों को समाप्त कर देगा जो पिछले करीब दो दशक में कड़ी मशक्कत से महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय ने हासिल किए थे. साथ ही पत्रकारों और गैर-सरकारी संगठनों के काम करने की आजादी पर भी पाबंदी लगायी जा सकती है.
तालिबान के रविवार तड़के काबुल पहुंचने के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें एक ब्यूटी पार्लर का मालिक महिलाओं की तस्वीर वाले पोस्टरों को पेंट कर रहा है. वहीं, युवा जींस और टी-शर्ट बदलकर पारंपरिक सलवार-कमीज पहनने के लिए अपने घरों को भागते दिख रहे हैं.
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हेरात शहर के एक एनजीओ के साथ काम करने वाली 25 वर्षीय युवती ने कहा कि लड़ाई के चलते वह कई सप्ताह तक घर से नहीं निकली. इस शहर पर पिछले सप्ताह तालिबान ने कब्जा जमा लिया था. हेरात से फोन पर बातचीत में युवती ने कहा कि मैं तालिबानी लड़ाकों का सामना नहीं करना चाहती. उनके बारे में मेरे मन में अच्छा अहसास नहीं है. कोई भी महिलाओं और लड़कियों के बारे में तालिबान के नजरिए को नहीं बदल सकता, वे अब भी चाहते हैं कि महिलाएं घर में ही रहें. मुझे नहीं लगता की मैं बुर्का पहनने के लिए तैयार हूं.
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि तालिबान लगातार पत्रकारों को धमकी देने और बंधक बनाने का काम करता है, खासकर ऐसी महिलाओं और पत्रकारों को जो तालिबान की गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar