अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद से ही वहां की स्थिति पर चिंता बनी हुई है. तालिबानी सत्ता अपनी छवि को सुधारने के लिए अपने खिलाफ होने वाली आलोचनाओं को भी बंद करना चाहती है. मीडिया का मुंह बंद कराने के लिए तालिबान ने सोमवार को सख्त दिशानिर्देश जारी किया है. जिसपर मानवाधिकार समूह ने चिंता जाहिर की है. समूह ने नए दिशानिर्देशों को मीडिया और खासकर महिलाओं के लिए विनाशकारी बताया है.
ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने एक बयान में कहा कि तालिबान के खुफिया अधिकारियों ने उन पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी है, जिन्होंने तालिबानी अधिकारियों की आलोचना की है. इसके अलावा पत्रकारों को प्रकाशन से पहले अनुमोदन के लिए सभी रिपोर्ट जमा करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि तालिबानी सरकार के नए दिशा-निर्देश में टेलीविजन पर महिला पत्रकारों के कपड़ों को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किया गया है. इसके अलावा सोप ओपेरा और मनोरंजन वाले कार्यक्रमों पर भी रोक लगाए गए हैं. HRW की एसोसिएट एशिया डायरेक्टर पेट्रीसिया गॉसमैन ने कहा, “तालिबान के नए मीडिया नियम और पत्रकारों के खिलाफ धमकियां तालिबान शासन की सभी आलोचनाओं को शांत करने के व्यापक प्रयासों को दर्शाती हैं” मानवाधिकार समूह ने इसे विनाशकारी बताया है.
टाउन स्क्वायर में लटकाने की धमकी
वहीं, अफगानिस्तान के पत्रकारों ने कहा कि तालिबान की क्रूरता पर खबर देने पर स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें तलब किया है. एक पत्रकार ने बताया कि तालिबानियों द्वारा घरों की तलाशी लेने और लोगों को पीटने की वाली खबर प्रसारित करने पर डिप्टी गवर्नर ने उसे कार्यालय बुलाया और उसे धमकी देते हुए कहा कि अगर वह फिर से ऐसा कुछ प्रसारित करता है, तो वह उसे टाउन स्क्वायर में लटका देगा.
कई मीडिया कर्मचारियों ने अपने रिपोर्ट में ये भी शिकायत की है कि भारी हथियारों से लैंस तालिबान के खुफिया अधिकारियों ने उनके कार्यालयों को दौरा कर पत्रकारों को चेतावनी दी. इसके अलावा प्रकाशनों में ‘तालिबान’ शब्द की जगह ‘इस्लामिक अमीरात’ का उपयोग करने को कहा है.