तालिबान ने भारतीय मदद का स्वागत किया है. अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने पाकिस्तान के उस फैसले की भी सराहना की है जिसके तहत पाक भारत को अफगानिस्तान में लोगों की मदद के लिए अपनी सड़क के इस्तेमाल की अनुमति दे रहा है. बता दें, भारत अफगानिस्तान को मानवीय मूल्यों के आधार पर 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं और जीवनरक्षक दवाओं की सहायता कर रहा है.
तालिबान ने सड़क मार्ग से भारतीय मदद को मंजूरी देने के पाकिस्तान की मंजूरी की सराहना करते हुए कहा है कि ये कदम सद्भावना को बढ़ाता है. बता दें, भारत पाकिस्तान के अटारी-वाघा बार्डर के रास्ते अफगानिस्तान में गेंहू और दवा भेज रहा है. वहीं, तालिबान ने भारतीय राजनयिकों को अफगानिस्तान में वापस लाने के लिए फिर से इच्छा जाहिर की है.
खस्ता है अफगानिस्तान की हालत: गौरतलब है कि तालिबान के जबरन अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद वहां खाद्दान की घोर किल्लत है. इलाज के लिए दवा भी नहीं है. जनता की भूखों मरने की नौबत है. तालिबान के सबसे बड़े रहनुमा बनने का दावा करने वाले चीन और पाकिस्तान भी वहां की समस्या पर कोई मदद नहीं दे रहे हैं.
भारत से की थी मदद की अपील: पाकिस्तान और चीन से निराश होने के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत से मदद की गुजारिश की थी. जिसके बाद मानवीय मूल्यों के आधार पर भारत मुफ्त में गेहूं की बड़ी खेप और दवाईयों का स्टॉक अफगानिस्तान भेज रहा है. पहले पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अपनी जमीन देने को तैयार नहीं था. लेकिन तालिबान के कहने पर न चाहते हुए भी उसे हामी भरनी पड़ी.
व्यापार की अनुमति नहीं: गौरतलब है कि अफगानिस्तान की मदद के लिए पाकिस्तान ने अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. लेकिन उसने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह के व्यापार के लिए वो अपनी जमीन नहीं देगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का इसको लेकर कहना है कि वो अफगानी लोगों की विगट समस्या के कारण भारतीय सहायता के लिए अपनी जमीन देने को तैयार हुआ है.
Posted by: Pritish Sahay