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तमिलनाडु: चिदंबरम नटराज मंदिर के पुजारियों ने कनागासाबाई पर भक्तों को चढ़ने से रोका, बवाल

पोडू दीक्षितार समिति के सचिव टी एस शिवरामा दीक्षितार ने कहा, करीब एक साल से राज्य सरकार और एचआर एंड सीई विभाग कुड्डालूर जिले के इस मंदिर का नियंत्रण अपने हाथों में लेने की कोशिश कर रहे हैं जिसका प्रबंधन वंश परंपरा के हिसाब से पुरोहितों के पास है.

तमिलनाडु के चिदंबरम भगवान नटराज मंदिर के कनागासाबाई (पवित्र मंच) पर पिछले दिनों भक्तों को चढ़ने से रोक दिया गया था. जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया है. इस मामले ने अब राजनीति शुरू हो गयी है. बीजेपी राज्य सरकार पर मंदिर के अपने कब्जे में लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

क्या है मामला

दरअसल भगवान नटराज मंदिर के दीक्षितारों (पुजारियों) ने कथित तौर पर 27 जून को भक्तों को मंदिर में कनागासाबाई (पवित्र मंच) पर चढ़ने और प्रार्थना करने से रोक दिया था. जिसके बाद विवाद बढ़ गया था.

पोडू दीक्षितार समिति ने राज्य सरकार और एचआर एंड सीई विभाग पर लगाया गंभीर आरोप

पोडू दीक्षितार समिति के सचिव टी एस शिवरामा दीक्षितार ने कहा, करीब एक साल से राज्य सरकार और एचआर एंड सीई विभाग कुड्डालूर जिले के इस मंदिर का नियंत्रण अपने हाथों में लेने की कोशिश कर रहे हैं जिसका प्रबंधन वंश परंपरा के हिसाब से पुरोहितों के पास है. टी एस शिवरामा दीक्षितार ने कहा, हमने कानूनी ढंग से इसका जवाब दिया है. उनके वकील जी चंद्रशेखरन ने कहा कि बोर्ड बाहर से आ रहे श्रद्धालुओं को सूचित करने और उत्सव के दौरान भीड़भाड़ रोकने के लिए लगाया गया है.

बीजेपी ने राज्य सरकार पर मंदिर को कब्जे में लेने की कोशिश का लगाया आरोप

तमिलनाडु बीजेपी उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने राज्य सरकार पर मंदिर को अपने कब्जे में लेने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, हम राज्य सरकार द्वारा भगवान नटराज मंदिर, चिदम्बरम को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की निंदा करते हैं. सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही है.

चिदम्बरम नटराज मंदिर को विभाग के अधीन लाने के लिए कदम उठाए जाएंगे : धर्मादा मंत्री

तमिलनाडु में चिदम्बरम के प्रसिद्ध नटराज मंदिर का प्रबंधन कर रहे पोडू दीक्षितारों (पुरोहितों) पर मंदिर की धनराशि या संपत्ति का सरकार के सामने खुलासा नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्य के हिंदू धर्म एवं धर्मार्थ प्रबंधन (एचआर एंड सीई) मंत्री पी के शेकर बाबू ने कहा कि इस धर्मस्थल को उनके विभाग के अंतर्गत लाने के प्रयास किये जा रहे हैं. एचआर एंड सीई विभाग के अधिकारी 26 जून को पुलिस के साथ मंदिर पहुंचे और उन्होंने पोडू दीक्षितारों द्वारा लगाया गया वह बोर्ड हटा दिया जिसमें श्रद्धालुओं पर आज चल रहे ‘आनी थिरूमंजनम’ समारोह के समापन तक कनागसाई मेडाई पर जाने पर रोक का निर्देश था. जब बोर्ड को हटाये जाने के बारे में सेकर बाबू का ध्यान पत्रकारों ने आकृष्ट किया तब उन्होंने कहा, हम न्याय और श्रद्धालुओं की तरफ खड़े हैं. हम धीरे-धीरे सारी रूकावटों को दूर कर लेंगे और अदालत की अनुमति से मंदिर का प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथों में ले लेंगे.

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200 पुरोहितों के समूह ने खुद ही तय कर लिया कि कैसे मंदिर का प्रबंधन करना है

मंत्री पी के शेकर बाबू ने कहा कि 200 पुरोहितों के समूह ने खुद ही तय कर लिया कि कैसे मंदिर का प्रबंधन करना है और वे खुद ही कानून बन गये हैं. उन्होंने कहा कि पुरोहितों ने सरकार को मंदिर के पास उपलब्ध धनराशि अथवा स्वर्णाभूषणों के भंडार के बारे में सूचना देने से मना कर दिया. इन दीक्षितारों ने जो सत्ता केंद्र बनाया है, वहीं से वे काम कर रहे हैं. एचआर एंड सीई द्वारा प्रबंधित अन्य मंदिरों की भांति इस मंदिर में हुंडी या स्टॉक पंजिका नहीं है. मंदिर खातों का ऑडिट भी नहीं किया गया है.

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