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तमिलनाडु चुनाव 2021
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विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान
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छह अप्रैल को होगा प्रदेश में मतदान
Tamil Nadu Election 2021, Election Commission, Latest Updates, Hindi News: विधानसभा की 234 सीटों के लिए तमिलनाडू में चुनाव का बिगुल बज गया है. एक बार फिर सियासी जंग में राजनेता जोर आजमाइश में जुट गये हैं. चुनावी शोर से पूरा प्रदेश गूंज रहा है. हर कोई जनता को रिझाने में लगा है. ऐसे में एआईएडीएमके और डीएमके आमने सामने हैं. और सबसे बड़ी चुनौती एआईएडीएमके के सामने है कि क्या एक बार फिर वो बाजी मारकर रिकार्ड बनाएगी. बता दें, तमिलनाडु में छह अप्रैल को मतदान होगा. मतदान के बाद दो मई को वोटों की गिनती होगी.
गौरतलब है कि भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने शुक्रवार को ही तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि, यहां सिर्फ एक ही चरण में चुनाव कराए जाएंगे. चुनाव के दौरान कोरोना गाईडलाइन का भई प्रशासन सख्ती से पालन करेगी.
चुनाव को देखते हुए इधऱ सरकार जनता को भी रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. सरकार की ओर से राज्य में वेनियार समुदाय के लिए शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के कानून को पास कर दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है एआईएडीएमके सरकार को इस फैसले से चुनाव में बड़ा माइलेज मिल सकता है. इसके अलावा पार्टी बीजेपी और पीएमके के साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रही है.
बता दें, तमिलनाडु में कुल 234 विधानसभा सीटे हैं, जिसमें ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के पास 136 विधायक हैं. जबकि, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के पास 89 विधायक हैं. वहीं कांग्रेस के पास सात और इंडियन मुस्लिम लीग के पास पांच सीट हैं. ये भी बता दें कि, पिछले विझानसभा चुनाव 2016 में डीएमके 178 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें वो 89 पर जीत दर्ज की थी. वहीं, कांग्रेस 41 में से 8 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी.
ऐसे में इस बार डीएमके ने कहा है कि वो 190 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसा हुआ तो कांग्रेस को 20 सीटों पर ही चुनाव लड़कर संतोष करना पड़ेगा. और बाकी के दल बची हुई सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएंगे. इससे पहले 2016 में जब पूर्व सीएम जयललिता चुनाव जीतकर दोबारा सीएम बनी थी तब तमिलनाडू के लिए यह किसी ऐतिहासिक घटना से कम नहीं था. क्योंकि 32 सालों बाद ऐसा हुआ था कि कोई प्रदेश में दोबारा सीएम बना था.
जाहिर है, तमिलनाडू की राजनीति में बीते कुछ सालों से गिफ्ट और ऑफर से जीत और हार तय हो रहा है. साल 2006 में डीएमके के तात्कालिक प्रमुख करुणानिधि ने फ्री गिफ्ट और सब्सिडी देकर सत्ता के खेल में गिफ्ट कल्चर शुरू किया था. उन्होंने फ्री कलर टीवी के ऑफर समेत कई योजनाओं के दम पर कुर्सी पर कब्जा जमा लिया था. इसके बाद 2011 में जियललिता ने इसी चाल पर डीएमके को चित्त कर दिया. 2016 में भी जयललिता ने लोक कल्याणकारी योजनाओं के दम पर चुनाव जीता.
अब एक बार फिर पूरे तमिलनाडू में सियासत गरमा गई है. पीएमके और एआईएडीएमके सीट शेयरिंग फॉर्मूले अपनाकर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी भी इसी गठबंधन में शामिल है. तो इधर, डीएमके पूरे जी जान से एआईएडीएमके को चित्त करने में लगा है. ऐसे में दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में सियासत का उंट किस करवट बैठेगा ये देखने वाली बात होगी.
Posted by: Pritish Sahay