‘पोंगल’ से पहले तमिलनाडु के परिवहन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, जानें वजह
'पोंगल' से पहले तमिलनाडु के परिवहन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. मामले को लेकर सीटू नेता ए सौंदरराजन ने कहा कि राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि परिवहन कर्मचारियों की कोई भी मांग अब स्वीकार नहीं की जा सकती है.
तमिलनाडु में जनजीवन प्रभावित हो सकता है. दरअसल, परिवहन कर्मचारी संघों ने राज्य सरकार पर उनकी मांगों पर विचार नहीं करने का आरोप लगाया है. यह आरोप लगाते हुए वे मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. सोमवार को एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के साथ विफल वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया है. वार्ता में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू) सहित विभिन्न यूनियनों के गठबंधन ने अपनी मांगों की सूची सामने रखी, जिसमें 15वें वेतन संशोधन समझौते पर हस्ताक्षर करना शामिल है. इसके अलावा वेतन, पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में संशोधन के साथ-साथ बस चालक और कंडक्टर पदों में रिक्तियों को भरने की मांग रखी गई थी.
क्या कहा सीटू नेता ए सौंदरराजन ने
सीटू नेता ए सौंदरराजन के अनुसार, राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि परिवहन कर्मचारियों की कोई भी मांग अब स्वीकार नहीं की जा सकती है. सरकार के इस रुख के बाद यह फैसला लिया गया है. आगे सौंदरराजन ने कहा कि यह सरकार परिवहन निगम कर्मचारियों के साथ दोयम दर्जे के नागरिकों के रूप में व्यवहार कर रही है. एक प्रमुख मांग पेंशनभोगियों के लिए आठ साल से लंबित महंगाई भत्ता जारी करने की है. हम इसमें बढ़ोतरी की मांग नहीं कर रहे हैं, हम देय डीए जारी करने के लिए कह रहे हैं. सरकार से 15वें वेतन संशोधन समझौते के तहत बढ़ी हुई मजदूरी तय करने के लिए बातचीत शुरू करने की तारीख तय करने का आग्रह करते हुए सीटू नेता ने कहा कि यदि वे इस मांग को भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं, तो सरकार को हमें हड़ताल रद्द करने के लिए कहने का अधिकार नहीं है.
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त्योहार ‘पोंगल’ से पहले हड़ताल से होगी परेशानी
यहां चर्चा कर दें कि ट्रांसपोर्ट यूनियनों की हड़ताल तमिल त्योहार ‘पोंगल’ से पहले हुई है. यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ प्रदेश में मनाया जाता है. ट्रांसपोर्ट यूनियनों की हड़ताल का त्योहार पर खास असर नजर आ सकता है. इस बीच राज्य के परिवहन मंत्री एस एस शिवशंकर ने सोमवार को आरोप लगाया कि परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल का राजनीति कनेक्शन है. इससे जनता को परेशानी होगी. हड़ताल पर उचित कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मंत्री ने आगे कहा कि वित्तीय स्थिति में सुधार होने के बाद मांगों पर विचार किया जाएगा. इस बीच, अन्नाद्रमुक प्रमुख और विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने द्रमुक सरकार की आलोचना की.