Diwali: तमिलनाडु के इन गांवों में वर्षों से मनायी जा रही बिना पटाखे की दिवाली, आपको भी होगा गर्व

तमिलनाडु के वेट्टंगुडीपट्टी और पेरिया कोल्लुकुडिपट्टी सहित कई ऐसे गांव हैं जहां की दिवाली पर पूरे देश को गर्व होगा. इन गांवों में दिवाली के मौके पर पटाखे नहीं जलाये जाते. इन गांवों में प्रवासी पक्षियों के कारण दिवाली पर पटाखे नहीं छोड़े जाते.

By ArbindKumar Mishra | October 17, 2022 7:58 PM

दिवाली को रोशनी का पर्व माना जाता है. जिसमें दीप जलाने के साथ-साथ पटाखे भी छोड़े जाते हैं. लेकिन प्रर्यावरण और बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए कई राज्यों में पटाखे जलाने पर रोक लगा दिया गया है. जिसका जमकर विरोध भी देखा जा रहा है. विरोध में तो कई लोग यह भी कह रहे हैं कि पटाखों के बिना क्या दिवाली. एक ओर पटाखे छोड़ने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, तो दूसरी ओर देश में ऐसे भी गांव हैं जहां वर्षों से पटाखों वाली दिवाली नहीं मनायी गयी.

तमिलनाडु के इन गांव की दिवाली पर होगा गर्व

तमिलनाडु के वेट्टंगुडीपट्टी और पेरिया कोल्लुकुडिपट्टी सहित कई ऐसे गांव हैं जहां की दिवाली पर पूरे देश को गर्व होगा. इन गांवों में दिवाली के मौके पर पटाखे नहीं जलाये जाते. इन गांवों में प्रवासी पक्षियों के कारण दिवाली पर पटाखे नहीं छोड़े जाते. एक स्थानीय ने बताया, मैं 75 साल का हूं और मैंने कभी दिवाली नहीं मनाई क्योंकि यह हमारे पक्षियों का भी घर है. दरअसल ये गांव वेट्टंगुडी पक्षी अभ्यारण्य के करीब हैं.

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तमिलनाड‍ु के इन गांवों में होती है चमगादड़ों की पूजा

तमिलनाडु के थोप्पुपट्टी और सामपट्टी ऐसे गांव हैं, जहां दिवाली के मौके पर पटाखे नहीं जलाये जाते. सुप्रीम कोर्ट में पटाखे पर बैन को फैसला हाल के वर्षों में आया है, लेकिन इन गांवों में वर्षों से पटाखे वाली दिवाली नहीं मनायी जाती, क्योंकि पटाखों की शोर और उससे निकलने वाले धुएं से पक्षियों को परेशानी होती है. इन गांवों में चमगादड़ों की पूजी की जाती है.

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