जम्मू-कश्मीर में गैर कश्मीरियों को टारगेट करके हत्या करने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. अक्टूबर महीने में आतंकियों ने 11 लोगों को टारगेट किलिंग के जरिये मारा है. इन 11 लोगों में से पांच प्रवासी मजदूर थे.
खबरों के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर के 200 लोगों की एक लिस्ट तैयार की है जो उनके निशाने पर हैं. इस लिस्ट में कश्मीर पंडित, अल्पसंख्यक, नेता और सुरक्षा बलों के मुखबिर शामिल हैं.
कल घाटी में आतंकियों ने तीन लोगों पर गोलियां चलाई, जिसमें से दो लोगों की मौत हो गयी. ये तीनों लोग बिहार के रहने वाले हैं. इन्हें कुलगाम के वानपोह में गोली मारी गयी. शनिवार को भी आतंकियों ने बिहार के एक व्यक्ति को गोली मारी थी.
जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग का यह सिलसिला इस महीने दो अक्टूबर से शुरू हुआ. जिसमें माजिद अहम गोजरी और मोहम्मद शफी डार की गोली मारकर हत्या की गयी. इन दोनों पर सुरक्षाबलों के साथ संबंध का आरोप था. इसके बाद बिहार के वीरेंद्र पासवान, मोहम्मद शफी लोन, माखनलाल बिंद्रू, दीपक चंद, सुपिंदर कौर, सगीर अहमद एवं अरविंद कुमार साह की हत्या की गयी. रविवार को जोगिंदर ऋषिदेव एवं राजा ऋषिदेव की हत्या की गयी.
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सोशल मीडिया में जो खबर वायरल है उसके अनुसार यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ने रविवार को किये गये आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. फ्रंट का कहना है कि उसने बिहार में मुसलमानों की जो माॅब लिंचिंग की गयी उसका बदला लेने के लिए बिहारियों को टारगेट किया गया है.
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट और रेजिस्टेंस फ्रंट टारगेट किलिंग की घटनाओं में शामिल हैं और ये पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहे हैं. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के एक प्रवक्ता का कहना है कि हमने पहले ही इनसे अपनी जमीन खाली करने को कहा था, लेकिन वे गये नहीं तो अब उन्हें खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.
Posted By : Rajneesh Anand