लंबे समय से चले आ रहे यौन शोषण मामले में तहलका के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल को बरी कर दिया गया है. यह मामला पिछले 8 सालों से चल रहा था. आरोपों से बरी होने के बाद तरुण तेजपाल ने एक बयान जारी कर कहा, मैं सच सामने लाने के लिए कोर्ट का धन्यवाद करता हूं.
साल 2014 से ही तरुण तेजपाल जमानत पर बाहर हैं. उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने सहकर्मी के साथ लिफ्ट में यौन शोषण किया है. उनके साथ काम करने वाली एक महिला ने उन पर नवंबर 2013 को गोवा के एक फाइव स्टार होटल में लिफ्ट के अंदर रेप का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्हें 30 नवंबर 2013 को गिरफ्तार कर लिया गया है. गोवा पुलिस ने इस मामले पर साल 2014 में 2846 पन्ने की चार्जशीट दायर की थी.
इस मामले में कोर्ट का फैसला आने में 8 सालों का वक्त लग गया. जिला अदालत 27 अप्रैल को ही इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाली थी लेकिन इसे 12 मई तक के लिए टाल दिया गया, 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाला दिया गया था.
अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण यह मामला स्थगित किया गया था. तरुण तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
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तरुण तेजपाल पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था जिनमें मुख्य रूप से 342,354,376, लगा था इन धाराओं के कई सेक्शन भी इन पर लगे थे. भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के तहत गलत तरीके से रोकना- 342 के तहत गलत मंशा से कैद करना- 354 के तहत गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना- 354-A यौन उत्पीड़न- 376 (2) महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार.