Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा सड़क संगठन (BRO) सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत विकास कार्यों में तेजी से जुटा है. इससे भारतीय सेना की ताकत में इजाफा होगा. दरअसल, इस निर्माण कार्य के पूरा होने के साथ ही किसी भी हालात से निपटने के लिए दुर्गम से दुर्गम स्थानों पर भारतीय सेना के जवान आसानी से पहुंचकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में कामयाब हो सकेंगे.
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों को अच्छी संपर्क सड़कों से जोड़ने की योजना बनाई है. इसके अलावा, बीआरओ अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कमेंग जिलों में दो महत्वपूर्ण सुरंगों का निर्माण कार्य कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा बलों के लिए गेम चेंजर बन जाएगा. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोजेक्ट वर्तक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर रमन कुमार ने बताया कि बीआरओ ये सभी कार्य प्रोजेक्ट वर्तक के तहत कर रहा है. उन्होंने बताया कि 5700 फीट की ऊंचाई पर नेचिपु सुरंग का निर्माण बालीपारा-चारदुआर-तवांग (BCT) सड़क मार्ग पर किया जा रहा है, जो 500 मीटर लंबी डी-आकार, सिंगल ट्यूब डबल लेन सुरंग है.
Border Roads Organisation is developing all road networks in border areas of western Assam & western AP. Two tunnels – Sela & Nechipu are under construction as vehicular movement becomes difficult due to heavy snowfall in winter: Brig Raman Kumar, Chief Engineer, Project Vartak pic.twitter.com/g85brq5y3H
— ANI (@ANI) December 20, 2022
प्रोजेक्ट वर्तक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर रमन कुमार ने बताया पश्चिम कामेंग जिले में सेला दर्रा सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है और अगले 5-6 महीनों में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. वहीं, रक्षा मंत्रालय इस सप्ताह के अंत में होने वाली बैठक में चीन सीमा पर हल्के टैंकों की तैनाती से संबधित एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाएगा. सरकारी सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में मेक इन इंडिया के तहत 354 टैंक खरीदने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी. भारतीय सेना ने अपने फ्यूचर लाइट वेट टैंक के लिए स्पेसिफिकेशंस जारी किए हैं जिसे जोरावर नाम दिया गया है.