नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संकट के बीच करदाताओं को कर रिटर्न भरने, पैन को आधार से जोड़ने जैसे कई अनुपालन संबंधी नियमों में राहत देने वाले कराधान विधेयक को संसद ने मंगलवार को मंजूरी दे दी. कराधान और अन्य कानूनों (कुछ प्रावधानों में राहत एवं संशोधन) विधेयक 2020 को राज्य सभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से लौटा दिया. इस विधेयक को इस संबंध में पहले जारी अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है. इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कानूनों में नियमों के अनुपालन संबंधी कुछ बदलाव किये गये हैं. इस दौरान राज्य सभा के कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया. ये सदस्य सदन के आठ सदस्यों को निलंबित किये जाने का विरोध कर रहे थे.
लोकसभा इस विधेयक को 19 सितंबर को मंजूरी दे चुकी है. विधेयक में आयकरदाताओं को पिछले वित्त वर्ष (2019- 20) की रिटर्न दाखिल करने के मामले में समयसीमा को बढ़ाया गया है. इसके साथ ही स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से जोड़ने की समयसीमा को भी बढ़ा दिया गया है. विधेयक में प्रधानमंत्री के आपात स्थिति नागरिक सहायता एवं राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में दिये गये अनुदान पर कर लाभ देने का भी प्रावधान किया गया है.
इस विधेयक के जरिये पीएम केयर्स फंड में उसी तरह का कर लाभ देने का प्रावधान किया गया है जिस प्रकार की कर छूट प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में उपलब्ध है. कराधान एवं अन्य कानून (कुछ प्रावधानों से छूट) अध्यादेश, 2020 को मार्च में लाया गया था. विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर अधिनियम के तहत विभिन्न अनुपालन समय सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाना जरूरी हो गया था.
उन्होंने कहा कि अध्यादेश के स्थान पर इस विधेयक को लाया जा रहा है. सरकार ने विधेयक के तहत आईएफएससी गिफ्ट सिटी में निवेश सुविधा जैसे अन्य मामलों को भी शामिल किया है. विधेयक में आईटी अधिनियम के तहत कर वसूली और संग्रह तथा सूचनाओं को जुटाना सहित कम से कम आठ प्रक्रियाओं पर फेसलेस आकलन को लागू करने का भी प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, यह विधेयक, वित्त अधिनियम, 2020 में संशोधन करता है जिसके तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लाभांश आय पर अधिभार को 15 प्रतिशत पर तय करने के संबंध में चीजों को स्पष्ट किया गया है.