वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था के प्रोत्साहन के लिए घोषित सभी उपायों का वित्तपोषण कर्ज और राजस्व-प्राप्तियों करेगी और इसमें करदाताओं से एक पैसा भी नहीं लिया जाएगा.
सीतारमण ने शुक्रवार को आईडब्ल्यूपीसी (महिला प्रेस-क्लब) में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मैं यह उम्मीद नहीं करती कि प्रोत्साहन उपायों का वित्तपोषण करदाताओं द्वारा किया जाएगा . कर्ज दाता से (अतिरिक्त) एक भी रूपया नहीं लिया जाएगा. पूरी राशि राजस्व और कर्ज के रूप में दिखाई गयी है.
सरकार खर्च करने के लिए उधार ले रही है, लोगों से पैसा नहीं ले रही है.” सरकार द्वारा 2020 में कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए 27.1 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर पैकेज घोषित किया गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13 प्रतिशत से अधिक है. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा घोषित तरलता (कर्ज के लिए धन) बढ़ाने के उपाया भी शामिल हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन पर विचार कर रही है, सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारा इस बारे में रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श चल रहा है. इस बारे में जब चीजें पुख्ता होंगी, हम घोषणा करेंगे.
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लेकिन हम इसपर काम कर रहे हैं.” उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा ब्लात्कार के आरोपी से यह पूछे जाने पर कि क्या वह ब्लात्कार के शिकार के साथ विवाह करेगा, पर सीतारमण की राय पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस तरह के मामलों से निपटने की एक स्थापित व्यवस्था है. जब इस तरह के आरोप आते हैं तो उससे निपटने के स्थापित तरीके होते हैं. मुझे यकीन है कि न्यायालय इस मामले पर ध्यान दे रहा है.