16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Teachers’ Day 2021: हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

एक सम्मानित शिक्षाविद, राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के पहले उपाराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. उनका जनम एक तेलुगु परिवार में हुआ था.

नयी दिल्ली : हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. यह दिन शिक्षकों को समर्पित है, अपने छात्रों के जीवन को आकार देने में उनकी भूमिका को लेकर उनके सम्मान में समारोह आयोजित किये जाते हैं. यह दिन विद्वान और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में हुआ था.

एक सम्मानित शिक्षाविद, राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के पहले उपाराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. उनका जनम एक तेलुगु परिवार में हुआ था. उन्होंने द फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर पुस्तक लिखी. उनके पास दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री थी और उन्होंने भारतीय दर्शन को वैश्विक मानचित्र पर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. उनका एक लंबा अकादमिक करियर था और उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी.

Also Read: Happy Teachers Day Wishes, Images, Quotes, Status : शिक्षक के सानिध्य के बिना
अधूरी दिव्य, दृष्टि और ज्ञान…अपने गुरुओं को शिक्षक दिवस पर भेजें ये खूबसूरत मैसेज

यहां तक ​​कि डॉ राधाकृष्णन ने आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति (1931-1936 तक) के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने 1936 से एक पद पर रहते हुए ऑक्सफोर्ड में पूर्वी धर्म और नैतिकता भी पढ़ाया. 1962 से – जिस वर्ष उन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी – शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर उनके काम को याद करते हुए मनाने के निर्णय किया गया.

डॉ राधाकृष्णन ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने और शिक्षा की शक्ति से दुनिया को आकार देने में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. शिक्षक दिवस का उद्देश्य छात्रों के जीवन और करियर को ढालने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को याद रखना और याद दिलाना है. कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले गुरुजनों को सम्मानित भी किया जाता है.

Also Read: Teacher’s Day 2021 : झारखंड में शिक्षक दिवस पर सम्मानित होंगे टीचर्स, शिक्षा विभाग ने मांगे शिक्षकों के नाम

प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में, इस दिन को अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है और छात्र अपने शिक्षकों को उनकी बहुमूल्य शिक्षा के लिए धन्यवाद देने के लिए विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियां जैसे कविताएँ, नाटक, भाषण और अन्य रचनात्मक कार्यक्रम तैयार करते हैं. समय के साथ इसका महत्व बढ़ा और न केवल पठन पाठन से जुड़े, बल्कि सभी प्रकार की शिक्षा देने वाले गुरुओं के लिए यह दिन विशेष बन गया.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें