Teera Kamat : किस रोग से ग्रसित है 5 माह की तीरा, जिसे लगेगा 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन
teera kamat news, 5 month old teera kamat, injection of 16 million, Modi government नवजात एक गंभीर बीमारी से लड़ रही है. जिसका इलाज भारत में नहीं है. अब उसकी जिंदगी बचाने के लिए विदेश से एक इंजेक्शन मंगाया जा रहा है. जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. इसके अलावा उसमें भारी भरकम टैक्स भी लगेगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो इंजेक्शन की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये की है.
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मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती 5 महीने की बच्ची को लगेगा 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन
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मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ रुपये के टैक्स पर दी छूट
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फडणवीस ने मोदी सरकार को लिखा था पत्र
मुंबई के एक अस्पताल में 5 महीने की बच्ची जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है. नवजात एक गंभीर बीमारी से लड़ रही है. जिसका इलाज भारत में नहीं है. अब उसकी जिंदगी बचाने के लिए विदेश से एक इंजेक्शन मंगाया जा रहा है. जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. इसके अलावा उसमें भारी भरकम टैक्स भी लगेगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो इंजेक्शन की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये की है.
बच्ची के परिवारवालों ने क्रांउड फंडिंग से पैसे की व्यवस्था भी कर ली है. लेकिन बात भारी भरकम टैक्स पर अटक रही थी, लेकिन अब अच्छी खबर आ रही है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बच्ची के इंजेक्शन पर लगने वाले टैक्स पर छूट दे दी है.
दरअसल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र पडणवीस ने बच्ची के इंजेक्शन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को पत्र लिखा था और टैक्स में छूट देने की मांग की थी. अब फडणवीस की पहल पर मोदी सरकार ने टैक्स पर छूट देने का फैसला कर लिया है. यानि इंजेक्शन में लगने वाले करीब 6.5 करोड़ रुपये के टैक्स को मोदी सरकार ने माफ कर दिया है.
क्या है तीरा को बीमारी
दरअसल मुंबई के एक अस्पताल में इलाजरत तीरा कामत स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉपी से पीड़ित हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जन्म के समय बच्ची ठीक थी, लेकिन आम बच्चों की तुलना में उसकी लंबाई थोड़ी ज्यादा थी. लेकिन जब तीरा अस्पताल से घर लौटी तो लंबे समय के बाद मां का दूध पीने में उसे दिक्कत होने लगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दूध पीते समय तीरा की सांस कुछ सेकंड के लिए रूक जा रही थी. बाद में पोलियो ड्रॉप जब उसे पिलाया गया, तब भी वैसा ही प्रोब्लेम उसे होने लगा. तब उसे मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने बताया कि वो स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉपी से पीड़ित है.
डॉक्टरों ने बताया कि तीरा के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन ही मौजूद नहीं है. जीन के मौजूद नहीं होने की वजह से उसके शरीर की तंत्रिकाएं निर्जीव होने लगीं. जब उसका असर दिमाग की मांसपेशियां पर भी होने लगा तो तीरा को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. बाद में उसके एक फेफड़े ने भी काम करना बंद कर दिया, जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. बच्ची हालत खराब होने के बाद डॉक्टरों ने विदेश से इंजेक्शन मंगाने के लिए उसके परिजनों को कहा. लेकिन उसकी कीमत करोड़ों में होने की बात जानकर उसके परिजनों के पैरों तले जमीन ही खिसक गयी थी. लेकिन सरकार की मदद और लोगों की मदद से तीरा को नयी जिंदगी मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है.