गुजरात के डीसीपी चैतन्य मंडली (DCP Chaitanya Mandlik) ने एक प्रेष कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार (IPS officer RB Sreekumar) को कल गिरफ्तार किया गया था और तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setaldwad) को आज गिरफ्तार किया गया था. सबूतों को गढ़ने और सबूतों के साथ बाधा डालने पर गौर किया जाएगा. उन्होंने कहा, हम दोनों आरोपियों को दोपहर 3 बजे तक कोर्ट में पेश करेंगे और 14 दिनों की रिमांड की मांग करेंगे.
Gujarat | Former IPS officer RB Sreekumar was arrested yesterday and Teesta Setaldwad was arrested today. Forging of evidence and hindering with evidence will be looked into. We will produce both the accused in the court by 3 pm: DCP Chaitanya Mandlik pic.twitter.com/BkdbUknpYi
— ANI (@ANI) June 26, 2022
डीसीपी ने कहा कि आरोपी जांच में हमारा साथ नहीं दे रहे हैं. हम 14 दिन की हिरासत की मांग कर रहे हैं. तीस्ता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और वहां उसके सभी बयान दर्ज किए जाएंगे. हम विभिन्न स्रोतों से दस्तावेजों की व्यवस्था करवा रहे हैं. उन्होंने कहा हमने मेडिकल चेक-अप किया है और क्राइम ब्रांच ने उचित प्रक्रिया का पालन किया है. जांच प्राथमिक स्तर पर है, जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी. हमारे पास आरोपी द्वारा जमा किए गए प्राथमिक हलफनामे और दस्तावेज हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जालसाजी, आपराधिक साजिश और उनके साथ मारपीट किए जाने का झूठा आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने के एक नए मामले में मुंबई में हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने रविवार तड़के उन्हें अहमदाबाद अपराध शाखा को सौंप दिया. अपराध शाखा के इंस्पेक्टर डी बी बराड की शिकायत के आधार पर अहमदाबाद अपराध शाखा में सीतलवाड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्हें शनिवार दोपहर मुंबई के जुहू इलाके स्थित आवास से हिरासत में ले लिया गया था.
सीतलवाड़ के खिलाफ यह कार्रवाई सुप्रिम कोर्ट द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद हुई है. एनजीओ सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस की सचिव सीतलवाड़ पर झूठे तथ्यों और दस्तावेजों को गढ़ने, गवाहों को प्रभावित करने और 2002 के गुजरात दंगों के मामलों की जांच के लिए कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी के समक्ष झूठे सबूत गढ़कर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का भी आरोप है.
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इसके अलावा दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों आर बी श्रीकुमार और संजीव भट्ट पर भी जालसाजी, आपराधिक साजिश, मारपीट के झूठे आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही को बाधित करने सहित अन्य आरोप लगाए गए थे. पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि भट्ट हिरासत में मौत के मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद फिलहाल जेल में बंद हैं. उन पर एक अन्य मामले में एक वकील को फंसाने के लिए प्रतिबंधित सामग्री के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया गया है.