केसीआर का दावा 2024 में मोदी होंगे सत्ता से बाहर, कहा- पानी को लेकर राज्यों के बीच कराया जा रहा युद्ध

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा, भारत के पास 361 अरब टन कोयले का भंडार है, हमारे पास इतने संसाधन हैं, इसके बावजूद हम निजी कंपनियों की बात कर रहे हैं...अडानी पावर, अंबानी पावर...अगर पूरे बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर दिया जाएगा, तो वे (कंपनियां) ब्लैकमेल.

By ArbindKumar Mishra | February 5, 2023 8:07 PM
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तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तगड़ा हमला किया. उन्होंने दावा किया है कि मोदी सरकार 2024 में सत्ता से बाहर हो जाएगी. महाराष्ट्र दौरे के दौरान नांदेड़ में केसीआर ने कहा, पीएम मोदी आज सत्ता में हैं, वह जितना चाहें बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर सकते हैं लेकिन 2024 के बाद हम सत्ता में आएंगे और हम इसे (बिजली क्षेत्र) वापस ले लेंगे। हम बिजली क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण करेंगे, 90% सार्वजनिक क्षेत्र में रखा जाएगा.

अडानी, अंबानी पावर करेंगी ब्लैकमेल : केसीआर

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा, भारत के पास 361 अरब टन कोयले का भंडार है, हमारे पास इतने संसाधन हैं, इसके बावजूद हम निजी कंपनियों की बात कर रहे हैं…अडानी पावर, अंबानी पावर…अगर पूरे बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर दिया जाएगा, तो वे (कंपनियां) ब्लैकमेल.

पानी को लेकर राज्यों के बीच कराया जा रहा युद्ध : केसीआर

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने सवाल किया कि जल को लेकर राज्यों के बीच युद्ध को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि भारत में प्रत्येक एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि बीआरएस का उद्देश्य जल नीति को बदलना और देश में जलापूर्ति के लिए एक नया तंत्र पेश करना है.

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जल युद्ध को क्यों दिया जा रहा बढ़ावा

चंद्रशेखर राव ने सवाल किया, जब भारत में हर एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है तो राज्यों के बीच जल युद्ध को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है? उन्होंने कहा कि भारत में मालगाड़ी की औसत गति 24 किलोमीटर प्रति घंटे है, जो चीन में मालगाड़ी की औसत गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे के मुकाबले काफी कम है. मुख्यमंत्री राव ने यह भी कहा कि भारत के पास 361 अरब टन कोयला भंडार है, जो अगले 125 वर्षों के लिए देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है. उन्होंने कहा, फिर भी हम बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर रहे हैं.

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