कोरोना वैक्सीन को लेकर दवा कंपनियां और सरकार में तकरार शुरू, लंदन से आरोप लगा रहे अदार पूनावाला
1 मई को टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत के पहले दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और बिहार समेत कई राज्यों ने टीके की आपूर्ति नहीं किए जाने की शिकायत की. ठीक इसके दूसरे दिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने अपने बच्चों समेत लंदन पहुंचकर यह आरोप लगाया कि भारत के कुछ प्रभावशाली लोग फोन करके उनके साथ में बुरा बर्ताव कर रहे हैं.
नई दिल्ली : कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर टीका निर्माता कंपनियों और सरकार के बीच तू-तू मैं-मैं शुरू हो गया है. बीते 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया, लेकिन दवा कंपनियों ने समय पर राज्यों को टीके की आपूर्ति नहीं की. इसी बात को लेकर सरकार और कंपनियों के बीच तनातनी शुरू हो गई है.
1 मई को टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत के पहले दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और बिहार समेत कई राज्यों ने टीके की आपूर्ति नहीं किए जाने की शिकायत की. ठीक इसके दूसरे दिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने अपने बच्चों समेत लंदन पहुंचकर यह आरोप लगाया कि भारत के कुछ प्रभावशाली लोग फोन करके उनके साथ में बुरा बर्ताव कर रहे हैं. इसलिए, उन्हें भारत छोड़कर लंदन आना पड़ा और फिलहाल वे भारत वापस नहीं आएंगे.
हालांकि, केंद्र सरकार ने लंदन जाने से पहले ही उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी उपलब्ध करा दी है. हालांकि, मीडिया में खबर यह भी चल रही है कि पूनावाला अपने वैक्सीन के व्यापार को ग्लोबल बनाने के लिए बिजनेस टूर पर लंदन गए हैं और वे ब्रिटेन में इसका कारोबार शुरू करेंगे.
कोविशील्ड का विदेश व्यापार में जुटा सीरम इंस्टीट्यूट
एक ओर देश में टीकाकरण अभियान के लिए वैक्सीन का टोटा है, तो दूसरी ओर भारत में वैक्सीन का निर्माण कर विदेश व्यापार करने की कोशिश की जा रही है. यह स्थिति तब है, जब सरकार ने दूसरी लहर के दौरान महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारण आवश्यक दवाओं और दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली एपीआई के निर्यात पर रोक लगा रखी है.
पूनावाला ने सरकार पर लगाए ऑर्डर नहीं देने का आरोप
अदार पूनावाला ने हाल ही में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनवरी के दौरान जब देश में कोरोना के मामले घटने लगे, तो सरकार ने संक्रमण को हल्के में ले लिया और टीका का ऑर्डर देना बंद कर दिया. इस वजह से सीरम इंस्टीट्यूट ने टीका निर्माण की क्षमता को नहीं बढ़ाया. इस बीच, सरकार की ओर से बयान यह दिया गया कि कंपनी को टीका का ऑर्डर दिया गया, लेकिन कंपनियां उसकी आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं. यहां तक कि दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के दौरान भी इन कंपनियों ने ढंग से टीके की आपूर्ति नहीं की.
उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने किया अग्रिम भुगतान
सरकार ने अपने बयान में कहा है कि उसकी ओर से अप्रैल महीने में 160 मिलियन टीके का ऑर्डर दे दिया गया था, जिसे इन तीन महीनों में डिलीवर किया जाना है. सरकार ने 28 अप्रैल को 110 मिलियन कोविशील्ड और 50 मिलियन कोवैक्सीन की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया है. सरकार ने यह भी कहा कि टीके के उत्पादन में तेजी लाने के लिए सरकार ने 28 अप्रैल को ही सीरम इंस्टीट्यूट को 1732.5 करोड़ और भारत बायोटेक को 787.5 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कर दिया है.
टीके की ढंग से आपूर्ति नहीं कर रहीं कंपनियां
सरकार की ओर से कहा गया है कि पैसे का भुगतान कर दिए जाने के बावजूद इन दोनों कंपनियों ने ऑर्डर की पूरी डिलीवरी नहीं दे पाई हैं. सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से अभी तक 100 मिलियन डोज में से केवल 87.4 मिलियन डोज की आपूर्ति की जा सकी है और भारत बायोटेक तो केवल 8.81 मिलियन डोज ही दे पाई है.
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Posted by : Vishwat Sen