Terror Funding Case: अल-हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट पर NIA का बड़ा एक्शन, जम्मू-कश्मीर के कई ठिकानों पर छापेमारी
एनआईए द्वारा जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, शोपियां और बांदीपोरा जिलों में छापेमारी की गई. एनआईए द्वारा अल हुडा एजुकेशनल ट्रस्ट के फंडिंग पैटर्न और गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए मामला दर्ज किया था.
जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में मंगलवार की सुबह छापेमारी की. यह छापेमारी अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट के कई ठिकानों पर की जा रही है. बताते चले कि एनआईए ने अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट के फंडिंग को लेकर मामला दर्ज किया था. हुदा एजुकेशन ट्रस्ट के तार जमात-ए-इस्लामी से भी जुड़े हुए हैं.
National Investigation Agency (NIA) carries out searches at multiple locations in Jammu and Kashmir in a terror funding case: Sources
— ANI (@ANI) October 11, 2022
जम्मू-कश्मीर के इन जिलों में छापेमारी
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनआईए द्वारा जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, शोपियां और बांदीपोरा जिलों में छापेमारी की गई. एनआईए द्वारा अल हुडा एजुकेशनल ट्रस्ट के फंडिंग पैटर्न और गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए मामला दर्ज किया था. जो जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी के लिए एक इकाई के रूप में कार्य कर रहा था. बता दें कि जमात-ए-इस्लामी को सरकार ने साल 2019 में यूए(पी) के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया था.
आतंकवाद के लिए पैसों का इस्तेमाल- सूत्र
जानकारी के अनुसार एनआईए द्वारा जमात-ए-इस्लामी की तालाशी के दौरान अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट के संबंध में पता चला था. एनआईए सूत्रों की मानें तो, ट्रस्ट जमात ए इस्लामी की एक इकाई के रूप में काम कर रहा था. ट्रस्ट के द्वारा पैसे एकत्र किए जाते थे, फिर उन पैसों को आतंकियों तक पहुंचाया जाता था. इसके अलावा ट्रस्ट के पैसे को देश के अन्य राज्यों में भेजा जाता था, जिसे आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा सके.
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एजुकेशनल ट्रस्ट से जुड़े कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी
एनआईए ने यह छापेमारी पुख्ता सबूत मिलने के बाद की है. जम्मू-कश्मीर के रजौरी में ट्रस्ट जुड़े लोगों के घरों और व्यवसाईक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की जा रही है. फिलहाल इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है. बताया यह भी जा रहा है कि प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लाम के कई कार्यकर्ता ट्रस्ट के लिए सक्रिय रूप से काम करते थे.