कश्मीरी छात्रों के सहारे देश में दहशत फैलाने की आतंकी साजिश का खुलासा, बिहार से खरीदे जा रहे थे हथियार
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सक्रिय आतंकी संगठन (Active terrorist groups) अब घाटी में हथियारों की तस्करी के लिए पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों (Kashimir Students) का इस्तेमाल कर रहे हैं. डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP Dilbagh Singh) ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि एक कश्मीरी छात्र जो चंडीगढ़ में नर्सिंग की पढ़ाई करता है उसने सात किलो आईडी (IED) के साथ गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस बात का खुलासा हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन अब घाटी में हथियारों की तस्करी के लिए पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं. डीजीपी दिलबाग सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि एक कश्मीरी छात्र जो चंडीगढ़ में नर्सिंग की पढ़ाई करता है उसने सात किलो आईडी के साथ गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस बात का खुलासा हुआ है.
डीजीपी ने कहा कि देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए कश्मीर में आतंकवादियों ने बिहार से हथियारों की खरीद शुरू कर दी है. इसके लिए कश्मीर से बाहर पढ़ने वाले छात्रों का सहारा लिया जा रहा है. उन छात्रों के जरिये ही घाटी में अवैध हथियारों की तस्करी की जा रही है.
डीजीपी ने पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने केवल आतंकियों के इस नये तरीकों को समझा बल्कि इस मामले में सफल अभियान चलाकर इसका खुलासा भी किया और दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है. डीजीपी ने खुलासा करते हुए कहा कि देश में उत्पात मचाने के लिए आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने घाटी में रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) बनाया है जो लश्कर ए तैयबा के लिए काम करते हैं.
हाल ही में रेजिस्टेंस फ्रंट के आंतकवादी जहूद अहमद राथर और लश्कर-ए-मुस्तफा के आंतकी हिदायतुल्ला को गिरफ्तार किया गया है. हिदायतुल्ला जम्मू जिले के कुंजवानी से छह फरवरी को अनंतनाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था जबकि जहूद अहमद राथर को सांबा जिले के ब्रह्माना इलाके से 13 फरवरी को पकड़ा गया था.
लश्कर-ए-मुस्तफा का कमांडर लंबे समय से जैश ए मोहम्मद समर्थित आंतकी हमले को अंजाम देने कि लिए योजना बना रहा था. साथ ही सुरंग के रास्ते और तस्कीर से जरिये सीमापार से आ रहे ड्रग्स की सप्लाई से हो रहे कमाई से आंतकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गोला बारूद और हथियार जमा कर रहा था.
दिलबाग सिह ने खुलासा किया कि हिदायतुल्ला मलिक से पूछताछ में पता चला है कि वह जैश ए मोहम्मद के कमांडर नेंग्रू का करीबी था जो सुरंग से रास्ते पाकिस्तान भाग गया है. पर इससे पहले वह जम्मू में पाकिस्तान से मिल रहे हथियारों की खेप प्राप्त करता था. इसके बाद से नेंग्रू उर्फ डॉक्टर पाकिस्तानी एजेंसियों के इशारे पर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को निर्देशित करता है.
Posted By: Pawan Singh