Nagrota encounter जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बृहस्पतिवार को सुबह मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादी मारे गये. मारे गये आतंकी भारत में बड़े हमले की कोशिश में थे. खबर है जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के आतंकवादी 26 नवंबर के मुंबई हमले की बरसी पर एक बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे. इधर खुलासा हुआ है कि मुठभेड़ के पीछे आतंकवादी मसूद अजहर (Terrorist Masood Azhar) के भाई का हाथ था. मुफ्ती असगर जेएम प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र नामित वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर का छोटा भाई है.
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश सचिव और शीर्ष खुफिया अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. बैठक में प्रधानमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया.
मुठभेड़ से पहले, जैश के आतंकवादियों को दिया गया था आत्मसमर्पण का मौका
सेना के अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए चार संदिग्ध जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों को आत्मसमर्पण का मौका भी दिया गया था. पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि भारत-पाक सीमा से हाल में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को लेकर जा रहे एक ट्रक को नगरोटा इलाके के बन टोल प्लाजा के पास सुबह पांच बजे जांच के लिये रोका गया लेकिन चालक वाहन छोड़कर भाग गया. इसके तत्काल बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस कर्मी वाहन की जांच करने के लिये आगे बढ़े.
पुलिस द्वारा जारी एक वीडियो में आईजीपी सिंह को लाउड स्पीकर पर घोषणा करते सुना गया, ट्रक के अंदर जो भी छिपा है वह अपने हथियार डाल दे और दोनों हाथ ऊपर करके बाहर आ जाए. अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों ने इस घोषणा की अनदेखी की जिसके बाद भीषण मुठभेड़ हुई.
चावल के बोरे से लदे ट्रक में मुठभेड़ के दौरान आग लग गई. जिससे ट्रक के अंदर छिपे आतंकवादी भी जल गये. आतंकवादियों के पास से 11 एके राइफल, तीन पिस्टल, 24 मैगजीन, 29 हथगोले और छह यूबीजीएल ग्रेनेड समेत भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारुद और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई. इसके अलावा दवाएं, तार के बंडल, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और भारी मात्रा में बैग भी आतंकवादियों के पास से बरामद हुए. आईजीपी सिंह ने कहा, “आतंकवादी बड़ी साजिश को अंजाम देने आए थे जिसे नाकाम कर दिया गया.
Posted By – Arbind Kumar Mishra