Textile: देश में वर्ष 2030 तक कपड़ा क्षेत्र में पैदा होंगे एक करोड़ रोजगार के अवसर

कपड़ा मंत्रालय ने सिल्क उत्पादन के वर्ष 2030 तक 50 हजार मीट्रिक टन और एक करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य तय किया गया है.

By Anjani Kumar Singh | September 27, 2024 7:11 PM

Textile: देश में टेक्सटाइल उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है और वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर का हो जायेगा. इस क्षेत्र में आने वाले समय में करोड़ों रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. सरकार ने सिल्क उत्पादन के लिए वर्ष 2030 तक 50 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है, साथ ही एक करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य तय किया गया है. सिल्क उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गुजरात में शुरू किए गए ईरी सेरीकल्चर प्रोजेक्ट को पूरे देश में लागू किया जायेगा.

भारत कपड़ा क्षेत्र में 4एस को हासिल करने में होगा सफल  

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों के उपलब्धियों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए है. पीएम मित्र(प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजनल एंड एपेरल) पार्क के लिए 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है और इससे 21 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत टेक्स एक बड़े प्लेटफार्म के तौर पर काम कर रहा है. आने वाले समय में भारत कपड़ा के क्षेत्र में 4एस-स्टाइल, स्केल, स्किल और सस्टेनेबिलिटी को हासिल करने में सफल होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा टेक्सटाइल क्षेत्र में डिजाइन के महत्व पर जोर देते रहे हैं और इस काम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन का अहम रोल है. 


कपड़ा क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए प्रमुख कदम


देश के परंपरागत हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार टेक्निकल टेक्सटाइल के महत्व को समझते हुए नीति तैयार कर रही है. सरकार की कोशिश वर्ष 2030 तक टेक्निकल टेक्सटाइल का निर्यात 10 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य है. सिंह ने कहा कि हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए देश के एक करोड़ कलाकारों को जोड़ा गया है और देश के पर्यटक स्थलों पर क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जा रहा है. पिछले 100 दिनों में इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च, प्राकृतिक फाइबर जैसे सिल्क और जूट के विकास को प्राथमिकता दी गयी है. कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए देश के 100 हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट क्लस्टर में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसके लिए बुनकर और कारीगर उत्थान कौशल विकास योजना शुरू की गयी और अब तक इस योजना से 3600 बुनकरों को फायदा हुआ है. इसके अलावा जूट किसानों के हित में जूट बैग के कीमत तय करने की नयी प्रक्रिया को मंजूरी दी गयी है. मंत्रालय की ओर अन्य कई कदम उठाए गए हैं. 

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