Textile: देश के टेक्सटाइल क्षेत्र के वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर के होने की संभावना 

रेडीमेड कपड़ों के निर्यात में 11 फीसदी की सालाना वृद्धि हो रही है. देश का टेक्सटाइल उद्योग वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर का होने की संभावना है. सरकार इस क्षेत्र में निवेश और निर्यात बढ़ाने के लिए कई कदम उठाया है. वैल्यू चेन क्षमता, कच्चे माल की उपलब्धता के कारण तेजी से बढ़ रहा है.

By Anjani Kumar Singh | October 10, 2024 6:38 PM

Textile: देश में टेक्सटाइल उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है. रेडीमेड कपड़ों के निर्यात में 11 फीसदी की सालाना वृद्धि हो रही है. देश का टेक्सटाइल उद्योग वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर के होने की संभावना है. सरकार इस क्षेत्र में निवेश और निर्यात बढ़ाने के लिए कई कदम उठाया है. वैल्यू चेन क्षमता, कच्चे माल की उपलब्धता और विदेशों में भारतीय कपड़ों की बढ़ती मांग और तेजी से बढ़ते घरेलू बाजार के कारण टेक्सटाइल उद्योग में भारत अग्रणी देश बना है. इस क्षेत्र में कई निवेश के प्रस्ताव आए है.

सरकार का मानना है कि पीएम मित्र और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना के कारण अगले तीन से पांच साल में 90 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. टेक्निकल टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए नेशनल टेक्सटाइल मिशन शुरू किया गया है और आने वाले समय में भारत इस मामले में भी अग्रणी देश बन जायेगा. पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मित्र पार्क की आधारशिला रखी थी.

देश में ऐसे सात पार्क की स्थापना को मंजूरी दी गयी है. इस योजना के तहत विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया जाएगा ताकि टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग, निवेश और निर्यात के मामले में भारत दुनिया में अग्रणी देश बन सके. अनुमान है कि एक पीएम मित्र पार्क बनने के बाद 10 हजार करोड़ का निवेश होगा और इससे प्रत्यक्ष तौर पर एक लाख और अप्रत्यक्ष तौर पर दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. 


प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना का मकसद


सरकार का मानना है कि  प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना से 28 हजार करोड़ के निवेश और टर्नओवर लगभग दो लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है. इससे दो लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सामरिक क्षेत्र में काम आने वाले टेक्निकल टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन को शुरू किया गया. इस मिशन के तहत स्टार्टअप और रिसर्च को बढ़ावा देना है ताकि जियोटेक्सटाइल, एग्रो टेक्सटाइल, प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल, मेडिकल टेक्सटाइल, डिफेंस टेक्सटाइल, स्पोर्ट टेक्सटाइल और पर्यावरण के अनुकूल फैब्रिक का निर्माण किया जा सके.

केंद्र सरकार की बेहतर नीतियों के अलावा राज्यों ने भी टेक्सटाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक नीतियां बनायी है. मौजूदा समय में टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. स्पेस क्षेत्र में इसका व्यापक उपयोग होता है. सरकार की कोशिश इस मामले में आत्मनिर्भर बनने की है. 

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