‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ को लेकर केंद्र ने दिल्ली सरकार की भूमिका पर उठाये सवाल, कहा- चार राज्यों का एकीकरण शेष
One Nation-One Ration Card, Central government, Supreme Court : नयी दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लिये जाने के मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिसंबर 2020 तक देश के 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लाया जा चुका है. इसमें देश की करीब 86 फीसदी आबादी को कवर किया जा रहा है. इनमें असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल इनमें शामिल नहीं हैं.
नयी दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लिये जाने के मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिसंबर 2020 तक देश के 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लाया जा चुका है. इसमें देश की करीब 86 फीसदी आबादी को कवर किया जा रहा है. इनमें असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल इनमें शामिल नहीं हैं.
लाइवलॉडॉटइन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने लिखित प्रस्तुतियां प्रस्तुत की हैं. साथ ही कहा है कि ”राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी लागू करने के लिए असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल का एकीकरण हासिल होने की उम्मीद है.” ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना की जिम्मेदारी अब इन राज्यों पर है.”
वहीं, अदालत ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना लागू करें. इससे मजदूरों को गृह राज्यों के अलावा देश के किसी भी भाग में राशन मिल सकेगा. अगर प्रवासी मजदूर काम करने के लिए दूसरे राज्यों में भी जाते हैं, तो उन्हें वहां राशन मुहैया हो पायेगी. अदालत ने प्रवासी मजदूर मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने हलफनामे में दिल्ली सरकार के दावे को भ्रामक बताया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि दिल्ली में योजना लागू कर दी है. 42 ईपीओएस मशीनों के साथ केवल एक ही सर्कल में लेनदेन किये गये. जब तक सभी सर्किलों में लेनदेन शुरू नहीं किया जाता, औपचारिक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी नहीं हो सकती. इसके लिए दो हजार से अधिक ईपीओएस मशीन की आपूर्ति की गयी है.
केंद्र ने बताया कि दिल्ली में ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना के केंद्रीय पोर्टलों पर खाद्यान्न के वितरण विवरण की रिपोर्टिंग का अभाव है. मालूम हो कि दिल्ली में अंतर-राज्यीय प्रवासी बड़ी संख्या में रहते हैं. उनके पास खाद्यान्न नहीं पहुंच रही है. इस कारण दिल्ली में सब्सिडी वाले खाद्यान्न कोटे का लाभ वे उठा नहीं पा रहे हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तीसरे चरण का खाद्यान्न उपलब्ध कराये गये हैं.
इसके तहत लाभार्थियों को मई और जून दो महीने के लिए पांच किलो प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह खाद्यान्न का आवंटन किया जा रहा है. यह केंद्रीय योजना देश की 80 करोड़ लाभार्थियों के लिए है. इस योजना को नवंबर 2021 तक यानी पांच माह का विस्तार दिया गया है. साथ ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से रियायती दरों पर खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न की योजना को विस्तार दिया गया है.