नयी दिल्ली : केंद्र सरकार अपने कोरोना वैक्सीन सप्लाई पॉलिसी (vaccine supply policy) में अगले कुछ दिनों में बदलाव कर सकती है. अगले एक दो दिनों में इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन (Guidelines) जारी होने की उम्मीद है. इसमें निजी क्षेत्र में असमानता को कम करना मुख्य उद्देश्य होगा. मतलब अब सरकार छोटे निजी अस्पतालों को भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जोड़ेगी और उन्हें वैक्सीन मुहैया करायेगी. जिससे की वैक्सीनेशन कार्यक्रम को गति मिल सके.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि टीके की खरीद में बदलाव के अलावा, संशोधित कोविड-19 टीकाकरण दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा. इन सूत्रों के अनुसार, केसलोड, प्रदर्शन और अपव्यय के आधार पर खुराक की आपूर्ति के लिए केंद्र द्वारा उपयोग की जाने वाली वर्तमान मीट्रिक बनी रहेगी. 18-44 वर्ष आयु वर्ग में प्राथमिकता समूह बनाने में राज्यों की भूमिका होगी.
केंद्र छोटे शहरों और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित छोटे निजी अस्पतालों को टीके की आपूर्ति में मदद करने के लिए कदम उठायेगा. इस तरह भौगोलिक असमानता के मुद्दे को हल किया जायेगा. सूत्रों ने बताया कि पहले दो चरणों में कई छोटे निजी अस्पताल टीकाकरण अभियान का हिस्सा बने. हालांकि, विकेंद्रीकृत खरीद के कारण मई में यह बदल गया. ऐसे अस्पतालों से राज्य सरकारें बात करेंगी और केंद्र इनको वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पेश किया जायेगा. यह वाउचर आर्थिक रूप से पिछड़े लाभार्थियों को निजी अस्पतालों में टीकाकरण कराने में मदद करेगा. इसका उपयोग केवल उसी व्यक्ति के लिए किया जा सकता है जिसके लिए यह जारी किया गया है. यह एक इलेक्ट्रॉनिक वाउचर होगा, जिसे मोबाइल फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है. इसे टीकाकरण स्थल पर स्कैन किया जायेगा और राशि जमा की जायेगी. एक बार इस्तेमाल के बाद वाउचर समाप्त हो जायेगा.
सूत्रों ने कहा कि केंद्र राज्यों को पहले से सूचित करेगा कि उन्हें एक महीने में कितनी खुराक मिलेगी ताकि प्राथमिकता समूहों को टीका लगाने की व्यवस्था की जा सके. राज्यों को कहा गया है वे पहले से ही टीके की आपूर्ति पर जिलों से संवाद करें. टीकाकरण की पूरी व्यवस्था राज्यों को संभालनी होगी. जो राज्य टीकाकरण में अग्रणी हैं उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी.
सूत्रों ने कहा कि 18-44 वर्ष आयु वर्ग में प्राथमिकता समूह बनाने में राज्यों की भूमिका होगी. राज्यों को एक निश्चित स्वतंत्रता होगी. बेहतर खाका संशोधित दिशा-निर्देशों में उपलब्ध कराया जायेगा. केसलोड, प्रदर्शन और अपव्यय के आधार पर खुराक की आपूर्ति के लिए केंद्र द्वारा उपयोग की जाने वाली वर्तमान मेट्रिक्स बनी रहेगी. टीकों की आपूर्ति में वैक्सीन की बर्बादी पर भी ध्यान दिया जायेगा. जिन राज्यों ने जून में टीकों की खरीद के लिए भुगतान किया है, उन्हें समझौते के अनुसार खुराक मिल जायेगी.
Posted By: Amlesh Nandan.