केंद्र के चीनी ऐप पर रोक लगाने वाले फैसले का कांग्रेस ने किया समर्थन, लेकिन उठा दिये ये सवाल
कांग्रेस ने 59 चीनी ऐप पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र को इसके लिए और प्रभावी कदम उठाने चाहिए
पटेल ने ट्विटर पर कहा, ‘‘हम चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत करते हैं. हमारे क्षेत्र में घुसपैठ और चीनी सेना द्वारा हमारे सशस्त्र बलों पर अकारण हमले के मद्देनजर, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार और अधिक प्रभावी कदम उठाएगी. ” कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘चीनी ऐप पर रोक लगाना अच्छा विचार है, लेकिन चीनी दूरसंचार और अन्य कंपनियों से पीएम केयर्स कोष में मिले पैसों का क्या? अच्छा विचार है या बुरा. ”
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने कल 59 चीनी एप को बैन कर दिया है. जिसमें टिक- टॉक (Tik- tok ), Share it समेत कई चीनी कंपनियां शामिल है. इससे पहले भी भारत चीन सीमा विवाद के बाद कई लोगों ने चीनी समानों की बहिष्कार की आवाज उठाई थी. कोलकाता में तो जोमेटो कंपनी के कर्मचारियों ने ही अपनी कंपनी के खिलाफ बगावत की बिगुल फूंक दी थी और अपनी कंपनी की टी- शर्ट को जला दिया था. वजह ये थी कि जोमेटो कंपनी का शेयर एक अली बाबा नाम के एक चीनी कंपनी के साथ भी है.
सरकार ने चीनी ऐप को बंद करने के पीछे अपने जारी बयान में कहा है कि ये एप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं. ऐसे में इन कंपनियों के लिए ये एक बड़ झटका साबित हो सकता है. क्यों कि अगर हम केवल टिकटॉक कंपनी की ही बात करें तो भारत में उनके 20 करोड़ से ज्यादा उपयोग कर्ता हैं. जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है. अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है.
केंद्र ने जिन प्रमुख ऐप पर रोक लगायी है उनकी सूची इस प्रकार है
वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल – शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं. इसके अलावा और भी कई कंपनियां हैं जो पूरी तरह से भारत में पूरी तरह से बैन है.
Posted By : Sameer Oraon