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Udaipur murder case : कन्हैया लाल मामले में 11 जून को पुलिस में दर्ज हुआ था पहला FIR, जानिए पूरा वाकिया

उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल से जुड़ा विवाद जून महीने के पहले हफ्ते में शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि टेलर कन्हैया लाल के मोबाइल फोन से नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला गया था.

Udaipur murder case updates : राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दिनदहाड़े एक टेलर कन्हैया लाल की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई. इस वारदात को उस समय अंजाम दिया गया, जब कन्हैया लाल अपनी दुकान पर काम कर रहे थे. इस हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद गौस और रियाज दोपहर बाद करीब तीन बजे के बाद कपड़े सिलवाने के नाम पर टेलर कन्हैया लाल की दुकान पर गए. कपड़े सिलने का नाप लेते समय मोहम्मद गौस और रियाज ने घटना को अंजाम दिया. इतना ही नहीं, इन दोनों ने वारदात के वक्त और उसके बाद का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया. इस मामले में जो एक सबसे महत्वपूर्ण बात निकलकर सामने आ रही है, वह यह कि 11 जून को टेलर कैन्हैया लाल के खिलाफ पहला एफआईआर दाखिल किया गया था. इसके बाद भी ये दोनों अपराधी नहीं माने और उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी. आइए, जानते हैं कि 11 जून के बाद से इन 18 दिनों में क्या-क्या हुआ…

कन्हैया के पड़ोसी ने 11 जून को दर्ज कराई थी प्राथमिकी

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल से जुड़ा विवाद जून महीने के पहले हफ्ते में शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि टेलर कन्हैया लाल के मोबाइल फोन से नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला गया था. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद स्थानीय स्तर पर उसका काफी विरोध किया गया. विवाद बढ़ने के बाद पिछले 11 जून को कन्हैया लाल के पड़ोसी नाजिम ने उनके खिलाफ पुलिस में पहली बार प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने कन्हैया लाल को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई.

कन्हैया ने 15 जून को जताई थी हत्या की आशंका

कोर्ट से जमानत पर रिहा होने के बाद उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल ने 15 जून को पुलिस को चिट्ठी लिखकर हत्या की आशंका जाहिर की थी. उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी. हालांकि, पुलिस ने उनकी चिट्ठी पर कोई संज्ञान नहीं लिया और न ही उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई.

गेम खेलते वक्त बेटे ने डाली थी पोस्ट

इतना ही नहीं, पिछले 15 जून को पुलिस को लिखी गई चिट्ठी में कन्हैया लाल ने कहा था कि उनके बेटे ने गेम खेलते समय पांच-छह दिन पहले इंटरनेट के जरिए सोशल मीडिया पर यह पोस्ट डाल दिया था. उन्होंने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के दो-तीन बाद कुछ लोग उनकी दुकान पर आए और इस आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में जानकारी दी. इसके बाद मैंने उस पोस्ट को डिलीट कर दिया. उन्होंने यह भी लिखा कि 11 जून को पड़ोसी द्वारा मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

दुकान की रेकी कर रहे थे नाजिम

इसके साथ ही, कन्हैया लाल ने पुलिस को लिखी गई चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र किया है कि नाजिम और उसके साथ पांच लोग उसकी दुकान की रेकी कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि ये लोग मुझे दुकान नहीं खोलने दे रहे. दुकान खोलते ही ये लोग मुझे मारने की कोशिश करेंगे. नाजिम ने मेरा फोटो सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल कर दिया है. सबसे कह दिया है कि ये व्यक्ति कहीं नजर आए या दुकान पर दिखे तो मार देना. ये लोग मुझ पर दबाव बना रहे हैं कि अगर मैंने दुकान खोली तो मुझे जान से मार दिया जाएगा. उन्होंने अपनी चिट्ठी में इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ सुरक्षा की मांग की थी.

पुलिस ने 15 जून को कराया समझौता

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, कन्हैया लाल की ओर से शिकायती पत्र मिलने के बाद पुलिस ने 15 जून को ही दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया था. पुलिस का दावा है कि समझौते के आवेदन पर दोनों पक्षों के लोगों के हस्ताक्षर भी कराए गए थे. समझौते के आवेदन में पड़ोसी नाजिम ने लिखा कि मैंने कन्हैया लाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर कानूनी कार्रवाई पूरी हो चुकी है. अब मेरा कन्हैया लाल से कोई लेना-देना नहीं है.

28 जून को धारदार हथियार से की गई हत्या

रिपोर्ट्स के अनुसार, उदयपुर के भूतमहल इलाके में कन्हैया लाल की सुप्रीम टेलर्स के नाम से दुकान थी. कन्हैया लाल गोवर्धन विलास इलाके में रहते थे. कन्हैया लाल ने करीब छह दिन बाद मंगलवार 28 जून को अपनी टेलरिंग की दुकान खोली थी. दुकान खोलने के बाद दोपहर बाद तीन बजे के आसपास आरोपी कपड़े सिलवाने के बहाने उनकी दुकान पर आए. कपड़े का नाप देते समय ही उन्होंने कन्हैया लाल पर धारदार हथियार से वार कर उनकी हत्या कर दी. इस वारदात के बाद उनकी गिरफ्तारी के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है.

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कौन हैं दोनों आरोपी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कन्हैया लाल की हत्या की वारदात को अंजाम देने वालों की पहचान मोहम्मद गौस और रियाज के तौर पर की है. रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों आरोपी कट्टरपंथी संगठन दावते इस्लामी से जुड़े हैं. बताया जा रहा है कि दावते इस्लामी संगठन पाकिस्तान में संचालित चैरिटी के नाम पर बनाया गया है. यह संगठन पूरी दुनिया में सुन्नी कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है और इसके लिए ऑनलाइन कोर्स चलाए जाते हैं. रियाज उदयपुर के खाजिपिर की मस्जिद में रहकर खिदमत का काम करता था. वहीं मोहम्मद गौस राजसमंद के भीम इलाके का रहने वाला है और वेल्डिंग और प्रॉपटी का काम करता है.

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