Loading election data...

18 फरवरी को दी गयी कोरोना वैक्सीन की सबसे ज्यादा डोज, पढ़ें क्या है आगे की रणनीति

कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए टीकाकरण में तेजी आ रही है. 18 फरवरी को एक दिन में सबसे अधिक वैक्सीनेशन डोज दिए गए. कल वैक्सीन की 6,58,674 डोज दी गई. आज शाम 6 बजे तक कुल 1,04,49,942 टीके लगाए गए हैं. आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2021 10:18 PM
  • एक दिन में सबसे अधिक वैक्सीनेशन डोज का आंकड़ा

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

  • सरकार ने बताया क्या है लक्ष्य

कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए टीकाकरण में तेजी आ रही है. 18 फरवरी को एक दिन में सबसे अधिक वैक्सीनेशन डोज दिए गए. कल वैक्सीन की 6,58,674 डोज दी गई. आज शाम 6 बजे तक कुल 1,04,49,942 टीके लगाए गए हैं. आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी है.

टीकारण के संबंध में जानकारी देते हुए हाल में ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कहा कि भारत प्रत्येक भारतीय को कोविड​​-19 का टीका लगाने की दहलीज पर खड़ा है. देश अब स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता दोनों को संतुलित करने की रणनीति अपनाते हुए तेजी से सामान्य स्थिति और विवेकपूर्ण वापसी की ओर देख रहा है.

हर्षवर्धन ने ‘कोविड-19 प्रबंधन: अनुभव, अच्छी प्रथाएं, आगे की राह’ विषयक एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कई बाधाओं के बावजूद भारत प्रति 10 लाख आबादी पर मामलों और मृतक संख्या के आंकड़े को दुनिया भर में सबसे निचले स्तर पर बनाए रखने में कामयाब रहा.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की ताकत यह थी कि उसने ‘पूरी सरकार’ और ‘पूरे समाज’ के दृष्टिकोण को अपनाया. 1.35 अरब लोगों वाले राष्ट्र ने सरकार द्वारा लगाए गए कड़े दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया.” उन्होंने कहा, ‘‘आज, भारत इस खतरनाक बीमारी के खिलाफ प्रत्येक भारतीय को टीका लगाने की दहलीज पर खड़ा है. हमने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी है और मुझे यह कहते हुए गर्व है कि आज की तारीख तक, भारत 88 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण करने में कामयाब रहा है.

” मंत्री ने कहा, ‘‘हम अब देश के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता दोनों को संतुलित करने के लिए रणनीति अपनाते हुए तेजी से सामान्य स्थिति और विवेकपूर्ण वापसी की ओर देख रहे हैं.” हर्षवर्धन ने कहा कि भारत एक राष्ट्र के रूप में जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरी दुनिया में पहले से ही विचार नेतृत्व प्रदान कर रहा है, साझेदारियों में संलग्न है जहां संयुक्त कार्रवाई की जरूरत है, अनुसंधान एजेंडे को आकार दे रहा है और मूल्यवान ज्ञान के प्रसार को प्रोत्साहित कर रहा है .

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस सिद्धांत में विश्वास करते हैं कि स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्य मानक जाति, धर्म, राजनीतिक विश्वास, आर्थिक या सामाजिक स्थिति के भेद के बिना हर इंसान के मौलिक अधिकारों में से एक है.” उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ‘वैक्सीन मैत्री’ की पहल सूत्रवाक्य ‘वसुदैव कुटुंबकम’ पर आधारित है.” कार्यशाला में भारत और नौ पड़ोसी देशों- अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान, सेशेल्स और श्रीलंका के स्वास्थ्य सचिवों और तकनीकी प्रमुखों ने हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यशाला में उद्घाटन भाषण दिया.

Next Article

Exit mobile version