दुनिया भर में युद्ध का स्वरूप बदल रहा है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने इस तरफ संकेत देते हुए कहा है कि पिछले प्रज्ञान सम्मेलन में हमने युद्ध के तेजी से बदलते स्वरूप की विभिन्न बारीकियों पर चर्चा की थी. जिस वक्त यह सम्मेलन हुआ था वह महामारी के शुरुआती दिन थे.
पिछले 2 वर्षों में सामने आई घटनाओं ने उस सत्र के दौरान चर्चा की गई बातों को बहुत मजबूत किया है. सेना प्रमुख ने कहा, चीन-पाक सीमा पर अभी हम सिर्फ जंग का ट्रेलर देख रहे हैं. सूचना तंत्र के समय में यह युद्ध साइबर स्पेस, नेटवर्क के जरिए लड़ा जा रहा. उन्होंने पाकिस्तान और चीन के साथ मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए कहा, इसमें कोई बड़ा आश्चर्य नहीं हो अगर भविष्य में बड़े युद्ध की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.
हमें भी आधुनिक तकनीक वाले साजो-सामान से लैस सक्षम बलों को तैनात करने की जरूरत है. चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना सेना प्रमुख ने कहा कि परमाणु-सक्षम पड़ोसियों के साथ विवादित सीमाएं और उन पर प्रायोजित छद्म युद्ध, सुरक्षा तंत्र और संसाधनों की जरूरत को रेखांकित कर रहा है. सूचना प्रणाली के दौर में यह ट्रेलर नेटवर्क, साइबर स्पेस के रूप में सामने खड़े हैं.
सेना प्रमुख ने भारतीय सेना और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में सुरक्षा और भारत – चीन सीमा पर हालिया बदलाव की समीक्षा की गयी. बैठक में उत्तरी व पूर्वी कमान ने भी हिस्सा लिया. भारत और चीन के बीच विवाद अबतक खत्म नहीं हुआ है.