नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में वैक्सीनेशन अभियान और कोविड की स्थिति की प्रगति की समीक्षा के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक की. बैठक में प्रधानमंत्री को बताया गया कि देश के 128 जिलों ने 45+ आबादी के 50 फीसदी से अधिक का वैक्सीनेशन किया गया है. प्रधानमंत्री ने राज्यों के साथ काम करने का निर्देश देते हुए कहा कि परीक्षण की गति कम ना हो, यह सुनिश्चित करें.
Delhi: PM Narendra Modi holds a meeting on the progress of #COVID19 vaccination drive, via video conferencing. pic.twitter.com/lSCIyRZN93
— ANI (@ANI) June 26, 2021
बैठक में अधिकारियों ने देश में वैक्सीनेशन की प्रगति को लेकर प्रधानमंत्री को जानकारी दी. प्रधानमंत्री को आयु के अनुसार वैक्सीनेशन कवरेज के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही प्रधानमंत्री को विभिन्न राज्यों में स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और आम आबादी के बीच वैक्सीन कवरेज के बारे में भी जानकारी दी गयी.
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को आगामी महीनों में वैक्सीन की आपूर्ति और उत्पादन बढ़ाने के किये जा रहे प्रयासों को भी बताया. प्रधानमंत्री को बताया गया कि पिछले छह दिनों में 3.77 करोड़ खुराक दी गयी है, जो मलेशिया, सऊदी अरब और कनाडा जैसे देशों की पूरी आबादी से अधिक है.
बैठक में चर्चा की गयी कि देश के 128 जिलों ने 45+ आबादी के 50 फीसदी से अधिक का वैक्सीनेशन किया गया है और 16 जिलों ने 45+ आबादी के 90 फीसदी से अधिक का वैक्सीनेशन किया है. प्रधानमंत्री ने इस सप्ताह वैक्सीनेशन की बढ़ती गति पर संतोष जताया. साथ ही कहा कि वैक्सीनेशन की गति को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है.
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे वैक्सीनेशन के लिए लोगों तक पहुंचने के लिए नवीन तरीकों का पता लगाने और उन्हें लागू करने के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में हैं. प्रधानमंत्री ने ऐसे प्रयासों में गैर सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों को शामिल करने की जरूरत के बारे में बताया.
साथ ही प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ काम करने का निर्देश दिया कि परीक्षण की गति कम ना हो, क्योंकि परीक्षण किसी भी क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण को ट्रैक करने और रोकने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार है.
अधिकारियों ने वैश्विक स्तर पर को-विन प्लेटफॉर्म में बढ़ती दिलचस्पी के बारे में भी प्रधानमंत्री को बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि को-विन प्लेटफॉर्म के रूप में भारत की समृद्ध तकनीकी विशेषज्ञता के साथ, रुचि व्यक्त करनेवाले सभी देशों की मदद करने के प्रयास किये जाने चाहिए.
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