Bhiwani Murder Case: आरोपी के घर पहुंची पुलिस ने बहू के साथ की बर्बरता, गर्भ में पल रहे 9 माह के बच्चे की मौत
Bhiwani Murder Case केस के आरोपी श्रीकांत के घर छापेमारी करने पहुंची पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगा है. पुलिस पर आरोप है कि, छापेमारी के दौरान आरोपी श्रीकांत की पत्नी के साथ बदसलूकी की गयी, जिससे श्रीकांत की पत्नी के गर्भ मे पल रहे 9 माह के बच्चे की मौत हो गयी.
Bhiwani Murder Case में क्रूरता की हद खत्म होती हुई नहीं दिख रही, और इस बार इल्जाम पुलिस पर है. जुनैद-नासीर हत्याकांड मामले में राजस्थान पुलिस पर बर्बरता की हद पार करने का आरोप लगा है. दरअसल हत्याकांड के आरोपी श्रीकांत के परिजनों ने आरोप लगाया है कि, छापेमारी करने पहुंची पुलिस ने उनकी बहु के साथ इस कदर बर्बरता की, जिससे उसके गर्भ मे पल रहे 9 माह के बच्चे की हो गई.
छापेमारी के दौरान पुलिस की बर्बरता
जुनैद-नसीर हत्याकांड मामले में नामजद आरोपी श्रीकांत के मरोड़ा गांव स्थित घर में पुलिस ने छापेमारी के दौरान श्रीकांत की पत्नी के साथ इस कदर अभद्रता की, जिसमें उन्हें गंभीर चोट लगी और उपचार के दौरान नौ महीने का गर्भ गिर गया. गर्भ में लड़का पल रहा था. फिलहाल पीडिता कमलेश नलहड़ मेडिकल कॉलेज में इलाजरत है.
पुलिस की बर्बरता से 9 माह के बच्चे की मौत!
इस पूरे मामले को लेकर श्रीकांत की पत्नी ने बताया कि , कुछ लोग आए और उन्होंने मेरे ससुराल वालों से मारपीट शुरू कर दी. वे मेरे दरवाजे पर आए और धक्का दिया, इस दौरान मेरे पेट में चोट लग गई और मेरा बच्चा मर गया. मुझे नहीं पता कि किसने दरवाजा धक्का दिया, या किसने मुझे मारा, लेकिन वे रात में जांच करने आए. पीड़िता ने सवाल किया है पुलिस रात मे क्यों आयी? पीड़िता ने कहा कि, वे मेरे पति श्रीकांत को खोजने आए. उन्होंने घर में फर्नीचर और अन्य सामान तोड़ना शुरू कर दिया. इस मामले में श्रीकांत के चचेरे भाई प्रवीण कुमार व मां दुलारी ने बताया कि शुक्रवार को करीब सुबह साढ़े तीन से चार बजे के बीच 30 से 35 पुलिसवाले श्रीकांत के घर पर पहुंचे, और तोड़-फोड़ शुरू कर दी.
नूंह एसपी ने की उचित जांच की बात
नूंह एसपी वरुण सिंगला ने इस घटना को बहुत दुखद बताया है. हरियाणा पुलिस और राजस्थान पुलिस जांच में सहयोग कर रही है. हमारे तथ्यों के मुताबिक इसमें हरियाणा पुलिस और नूंह पुलिस की कोई संलिप्तता नहीं है. चूंकि आरोप गंभीर हैं इसलिए हमने एडिशनल एसपी से जांच के लिए कहा है। घटना और आरोपों के लिए सोशल मीडिया के जरिए जो भी लीड मिल रही है, उसे फिक्स किया जाएगा. अगर हमारी और हमारी टीम की ओर से कोई लापरवाही हुई तो हम कार्रवाई करेंगे.
भरतपुर एसपी ने पीड़िता के आरोपों को किया खारिज
इधर , आरोपी परिवार के आरोप पर भरतपुर एसपी ने कहा कि पुलिस आरोपी परिवार के घर के अंदर नहीं गई. आरोपी घर पर नहीं था. उन्होंने वहां कुछ पूछताछ की और फिर वापस आ गए. वे झूठे आरोप लगा रहे हैं.
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर कार्रवाई की मांग की
वहीं, पीडिता और आरोपी के परिजनों ने नगीना पुलिस से मांग की है कि श्रीकांत इस मामले में निर्दोष है, उसे जानबूझकर फंसाया गया है और इस मामले में आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, क्योंकि उन्होंने जन्म लेने से पहले ही पुलिस की बर्बरता के कारण एक मासूम को खो दिया है.