संगठन बदलते रहते है लेकिन इनका खूनी अभियान जारी रहता है. और जारी रहता है जम्मू कश्मीर में आतंक का घिनौना खेल. ताजा मामला श्रीनगर के ईगगाह इलाके का है. जहां एक स्कूल मे घुसकर आतंकियों ने प्रिंसिपल और शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएस) ने ली है. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि टीआरएस संगठन कौन है, और किसके इशारे पर वो जम्मू कश्मीर में हत्याकांड को अंजाम दे रहा है.
दरअसल द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएस) संगठन का अस्तित्व जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के बाद आया है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में बांटने के बाद टीआरएस को खड़ा किया गया. लेकिन रिपोर्टस की माने तो इस संगठन को खड़ा करने के पीछे पाकिस्तान की सोची समझी साजिश बताई जा रही है.
इस संगठन को खड़ा करना पाकिस्तान की सोची समझी साजिश है. दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए और यह दिखाने के लिए कि पाकिस्तान हिजबुल और लश्कर ए तयैबा जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कस रहा है. पाकिस्तान के सहयोग से टीआरएस का गठन किया गया. कहा जा सकता है कि यह कई आतंकी सगठनों का मिला जुला रूप है. जिसका मकसद जम्मू और कश्मीर में हिंसा फैलाना है.
रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा ने इस आतंकी संगठन को खड़ा किया है. वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि जैश ए मोहम्मद और मुजाहिद्दिन जैसे संगठनों के लड़ाके भी टीआरएस में शामिल हैं. लेकिन जो जानकारी है उसकी माने तो कश्मीर में आतंकियों को एक नया चेहरा देने के लिए पाकिस्तान ने इस संगठन को खड़ा किया है.
मीडिया रिपोर्ट और कई एजेंसियों का कहना है कि आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को पाकिस्तान ने भारत में हिंसा फैलाने के इरादे से ही इसको खड़ा किया है. खबरों के मुताबिक यह संगठन पाकिस्तान के इशारों पर काम करता है. वहीं, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तयैबा और अल-बद्र जैसे आतंकी संगठन के कुख्यात आतंकी इसकी मदद करते है.
Posted by: Pritish Sahay