राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से उड़ान भर पहुंचा भारत, बिना रुके 6852 किमी से ज्यादा की दूरी तय की
नयी दिल्ली : दुनिया के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक राफेल की दूसरी खेफ का जत्था आज बुधवार को फ्रांस से भारत पहुंचा. राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से उड़ान भरने के बाद बिना रुके बुधवार की रात 8:14 बजे भारत आया. इन विमानों में कई मिड-एयर रिफ्यूलिंग हैं.
नयी दिल्ली : दुनिया के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक राफेल की दूसरी खेफ का जत्था आज बुधवार को फ्रांस से भारत पहुंचा. राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से उड़ान भरने के बाद बिना रुके बुधवार की रात 8:14 बजे भारत आया. इन विमानों में कई मिड-एयर रिफ्यूलिंग हैं.
The second batch of #Rafale jets landed safely in India after non-stop flight from France with multiple mid-air refuelling: Embassy of India in France https://t.co/NlKVDIWV9Q pic.twitter.com/NjoLHIoFwI
— ANI (@ANI) November 4, 2020
इंडियन एयरफोर्स ने बताया कि तीन राफेल विमानों के दूसरे बैच को फ्रांस के इस्त्रेस एयरबेस से उड़ान भरने के बाद भारतीय एयर बेस पर उतरने से पहले आठ घंटे तक उड़ान भरी. राफेल विमानों ने करीब 3700 नॉटिकल मील यानी 6852.4 किमी की दूरी तय की. इस विमानों की खेप में तीन इन-फ्लाइट रिफ्यूलिंग थे. मालूम हा ेकि एक नॉटिकल मील में 1.852 किमी होता है.
The second batch of three Rafale aircraft got airborne from Istres airbase in France and flew for over eight hours before landing at an IAF base. They covered a distance of over 3700 nautical miles with three in-flight refuellings. pic.twitter.com/gHEixnMh2B
— Indian Air Force (@IAF_MCC) November 4, 2020
मालूम हो कि अगले साल जनवरी और मार्च में तीन-तीन और राफेल विमान आयेंगे. वहीं, अप्रैल में सात राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिलेंगे. इसके साथ अगले साल अप्रैल माह तक भारत में राफेल विमानों की कुल संख्या बढ़ कर 21 हो जायेगी. इनमें 18 लड़ाकू विमान गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन में शामिल होंगे.
राफेल लड़ाकू विमान का निर्माण दसाल्ट नामक फ्रांसीसी कंपनी ने किया है. यह एक ऐसा लड़ाकू विमान है, जिसे हर मिशन पर भेजा जा सकता है. यह विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है. साथ ही इसकी फ्यूल कैपेसिटी करीब 17 हजार किलोग्राम है. यह विमान 2,223 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकती है.
राफेल लड़ाकू विमान हर मौसम में सक्षम है. इसलिए इसे मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से जाना जाता है. राफेल की मारक क्षमता 3700 किमी है. इसकी स्काल्प की रेंज करीब 300 किमी है. स्काल्प एक खास किस्म की मिसाइल है, जो जमीन से हवा में मार कर सकने में सक्षम है.
राफेल विमान एंटी शिप अटैक से लेकर परमाणु अटैक, क्लोज एयर सपॉर्ट और लेडर डायरेक्ट लांग रेंज मिसाइल अटैक में भी अग्रणी है. राफेल विमान एक साथ 24,500 किमी का वजन लेकर 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भर सकता है. दो इंजनवाले लड़ाकू विमान राफेल में मिटिऑर और स्काल्प मिसाइलें तैनात हैं. यह हवा से हवा और जमीन से हवा में मार कर सकने में सक्षम हैं.
राफेल विमान की अन्य खासियतें
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अधिकतम 1400 किमी प्रति घंटा की रफ्तार
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50,000 की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम
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अत्याधुनिक और ताकतवर हथियारों से लैस
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इंधन खत्म होने पर वापस बेस पर लौटने की जरूरत नहीं
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हवा में ही उड़ते हुए भर सकता है ईंधन
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एयरक्राफ्ट बियोंड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल मिटियोर से लैस
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120 किलोमीटर दूर तक दुश्मनों पर लगा सकता है निशाना
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दुश्मन की सीमा में घुसे बिना गिरा सकता है 100 किमी दूर दुश्मन के एयरक्राफ्ट
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600 किलोमीटर दूर से टार्गेट को हिट करती है क्रूज मिसाइल
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100 किमी के दायरे में एक साथ 40 टार्गेट को ढ़ूंढ़ कर बना सकता है निशाना
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टोही विमान की भूमिका में भी बेमिसाल
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रियलटाइम में हासिल करता है क्षेत्र का नक्शा
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खराब मौसम में जेनरेट कर सकता है रियल टाइम थ्रीडी मैप
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विमान में लगे सेंसर्स की मदद से जमीन के खतरे से हो जाता है सचेत