चंडीगढ़ : केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को पंजाब से लगती भारत-पाकिस्तान की सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया गया, तो सूबे में कांग्रेस के ही दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आपस में भिड़ गए. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, तो पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के इस फैसले का खुलकर समर्थन कर रहे हैं.
बता दें कि गृह मंत्रालय ने बुधवार को नई गाइडलाइन जारी करते हुए बीएसएफ को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगते 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी और गिरफ्तारी जैसे कई अधिकार प्रदान किए हैं. ऐसे में पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक बढ़ाने पर पंजाब में सियासी हाहाकार मचा हुआ है. इसे राज्य पुलिस के अधिकार क्षेत्र को कम करने के रूप में देखा जा रहा है.
केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है, ‘मैं केंद्र सरकार के इस एकपक्षीय फैसले का विरोध करता हूं, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किमी अंदर तक बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं. ये संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस अतार्किक फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील करता हूं.’
इसके साथ ही, पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी केंद्र सरकार के फैसले की मुखालफत करते हुए कहा है कि राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना या उनकी सहमति प्राप्त किए बिना बीएसएफ के अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों की शक्तियां प्रदान करके केंद्र संविधान के संघीय ढांचे को विकृत करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और संघवाद की भावना को कमजोर करने के अलावा भारत सरकार द्वारा मौजूदा व्यवस्थाओं को एकतरफा रूप से बदलने के लिए कोई उचित कारण नहीं हैं.
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वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने इस फैसले की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों को राजनीति का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए. उन्होंने कहा है-हमारे जवान कश्मीर में शहीद हो रहे हैं. हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन पंजाब में बड़ी मात्रा में हथियार और ड्रग्स भेज रहे हैं. ऐसे में बीएसएफ की बढ़ी हुई मौजूदगी और ताकत हमें मजबूत बनाएगी.