नयी दिल्ली : आईएनएस विराट के नौसेना से हटाये जाने के बाद इसके तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रोक लगा दी. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
Supreme Court stays dismantling of decommissioned aircraft carrier INS Viraat, after hearing a petition by a firm seeking to convert the ship into a maritime museum & multi-functional adventure centre
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— ANI (@ANI) February 10, 2021
जानकारी के मुताबिक, नौ सेना से विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट को भारत ने साल 1987 में ब्रिटिश रॉयल नेवी से खरीदा था. उससमय उसका नाम ‘एचएमएच हर्मेस’ था. इसे भारत लाने के बाद नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था.
आईएनएस विराट भारत के पूर्वी तट बंगाल की खाड़ी से लेकर पश्चिमी तट अरब सागर तक दुश्मन देशों की नापाक हरकतों पर करीब 30 वर्षों तक नजर रखी. इसके बाद इसे 2017 के मार्च महीने में रिटायर कर दिया गया.
सेना से रिटायर होने के बाद इसे 38.54 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया गया. इसे गुजरात के भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा. इसके बाद शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिख कर रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगते हुए कहा था कि महाराष्ट्र को ऐतिहासिक युद्धपोत के पुनरोद्धार और संरक्षण करने में खुशी होगी.
वहीं, एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने आईएनएस विराट का 100 करोड़ रुपये भुगतान कर बतौर संग्रहालय संरक्षित करने की पेशकश की है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि आईएनएस विराट को कबाड़ बनाने से बेहतर है कि इसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाये. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को आईएनएस विराट के तोड़ने पर रोक लगा दी है.
सबसे अधिक समय तक समंदर में रहने के कारण आईएनएस विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. करीब 740 फीट लंबे ओर 160 फीट चौड़े 24 हजार टन वजनवाले विराट पर 1500 सैनिक सवार होते थे.
यह इतना बड़ा है कि सैनिकों के तीन महीने का राशन इस पर आसानी से रखा जा सकता था. इसलिए यह तीन माह तक यानी 90 दिनों तक बिना बंदरगाह पर लौटे समंदर में रहते हुए दुश्मन देशों पर नजर रखता था.