सुप्रीम कोर्ट में आज होगी कृषि कानूनों से जुड़े मामले की सुनवाई, समिति गठित करने पर आ सकता है फैसला

Supreme Court, agricultural laws, committee : नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन और नये कृषि कानूनों से जुड़े मामले की सुनवाई होगी. इससे पहले 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार फिलहाल विवादास्पद कानूनों पर अमल टाल दे. साथ ही अदालत ने गतिरोध से निबटने के लिए कृषि विशेषज्ञों की 'निष्पक्ष और स्वतंत्र' समिति गठित करने के संकेत दिये थे. संभावना जतायी जा रही है कि समिति गठित करने पर अदालत फैसला ले सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2021 9:19 AM
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नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन और नये कृषि कानूनों से जुड़े मामले की सुनवाई होगी. इससे पहले 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार फिलहाल विवादास्पद कानूनों पर अमल टाल दे. साथ ही अदालत ने गतिरोध से निबटने के लिए कृषि विशेषज्ञों की ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र’ समिति गठित करने के संकेत दिये थे. संभावना जतायी जा रही है कि समिति गठित करने पर अदालत फैसला ले सकती है.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पीठ ने कृषि विशेषज्ञों की ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र’ समिति गठित को लेकर पी साइनाथ जैसे विशेषज्ञों, सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की बात कही थी, जो कृषि कानूनों को लेकर उत्पन्न हुए गतिरोध का हल खोजेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों पर अमल टालने के सुझाव पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि कृषि कानूनों का अमल स्थगित किये जाने पर किसान बातचीत के लिए आगे ही नहीं आयेंगे.

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है. इसके बावजूद किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. वहीं, किसान संगठनों ने भी रविवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा स्थित सिंघु बॉर्डर पर बैठक कर रणनीति तैयार रहे हैं.

करीब डेढ़ माह से दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान तीनों नये कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ कर रही है, जबकि किसानों की पैरवी वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे कर रहे हैं.

भारतीय किसान यूनियन दोआब के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने रविवार को किसान संगठनों की बैठक के बाद कहा था कि हमने सरकार के साथ होनेवाली बैठक पर चर्चा की है. हमारी मांग वही रहेगी कि सभी कृषि कानूनों को वापस लिया जाये. साथ ही 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में ज्यादा से ज्यादा ट्रैक्टर लाये जाने को लेकर चर्चा हुई.

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