नयी दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब समेत अन्य जगहों के किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच खालिस्तान कनेक्शन की बात पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हमे भीड़ में कुछ ऐसे अवांछित तत्वों के इनपुट मिले हैं. हमने रिपोर्ट की है. यह ठोस होने के बाद खुलासा किया जायेगा. उन लोगों के द्वारा ऐसे नारे लगाये जाने के वीडियो आये हैं, जिनमें उन्होंने कहा है कि ”जब इंदिरा गांधी को ये कर सकते हैं, तो मोदी को क्यों नहीं कर सकते.”
#WATCH We've inputs of some such unwanted elements in crowd. We've reports, will disclose once it's concrete. They raised such slogans. In videos they said 'jab Indira Gandhi ko ye kar sakte hain, to Modi ko kyu nahi kar sakte': Haryana CM on Khalistan elements in #FarmerProtest pic.twitter.com/ZZQrDTfDA0
— ANI (@ANI) November 28, 2020
जानकारी के मुताबिक, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े. हालांकि, बाद में किसानों को उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत निरंकारी समागम ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दे दी गयी. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कथित रूप से खालिस्तान कनेक्शन की बात सामने आयी है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को ऐसे इनपुट मिले हैं. इसका खुलासा करना अभी ठीक नहीं है. जैसे ही ठोस प्रमाण मिलेगा, इसका खुलासा किया जायेगा. किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच नारे बोले गये हैं, जो वायरल हुए हैं. उन्होंने कहा कि ”जब इंदिरा गांधी को ये कर सकते हैं, तो मोदी को क्यों नहीं कर सकते.”
मालूम हो कि तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान विरोध कर रहे हैं. पंजाब के किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की. अब पंजाब के किसानों के साथ दूसरे राज्यों के किसान भी साथ आ गये हैं. वहीं, अब भी दिल्ली सीमा पर कई संगठनों के किसान जमे हैं. वहीं, कुछ संगठनों के किसान बुराड़ी स्थित संत निरंकारी समागम ग्राउंड पहुंच चुके हैं.
अब इन्हीं विरोध प्रदर्शन में जुटे किसानों के बीच से नारे का एक ऑडियो-वीडियो वायरल हो गयी है. इसमें कथित रूप से खालिस्तान समर्थकों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है. हालांकि, अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. बताया जाता है कि किसानों के विरोध-प्रदर्शनों के बीच कुछ अवांछित लोग आंदोलन का फायदा उठाते हुए नापाक इरादे का लाभ उठाना चाह रहे हैं.