नयी दिल्ली : केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष डॉ जितेंद्र सिंह को सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सदस्यों ने सोमवार को दुबई में आयोजित होनेवाले विश्व एक्सपो के बारे में जानकारी दी. डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया भारत अपने अंतरिक्ष कौशल से जाना जाता है.
मालूम हो कि दुबई में वर्ल्ड एक्सपो का आयोजन एक अक्तूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक किया जा रहा है. इस दौरान भारत अपनी स्वतंत्रता का 75वां वर्ष भी मनायेगा. इस एक्सपो में 192 देश भाग लेंगे. यहां भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित 11 थीम प्रदर्शित करेगा. एक्सपो का शीर्षक “कनेक्टिंग माइंड्स, क्रिएटिंग द फ्यूचर” है.
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत दुबई एक्सपो में अवसरों के रूप में फार्मा, रत्न और आभूषण, स्टार्ट-अप, खाद्य प्रसंस्करण, प्राचीन विरासत और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका के अलावा अंतरिक्ष में अपने सिद्ध कौशल को दुनिया के सामने पेश करेगा.
बताया जाता है कि अनुसंधान संगठन (इसरो) और अंतरिक्ष की भारतीय उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए दुबई में एक विशेष भू-खंड समर्पित किया गया है. डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता को अनलॉक कर इतिहास बनाया.
उन्होंने उम्मीद जतायी कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमता और सफलता की कहानी का प्रदर्शन ना केवल दुनिया के शेष हिस्सों को प्रेरित करेगा, बल्कि उन्हें अपने भविष्य के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यक्रमों और परियोजनाओं की योजना बनाने के बारे में संकेत भी देगा.
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व समुदाय का प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है. यह गर्व की बात है कि अंतरिक्ष क्षमताओं में भारत की श्रेष्ठता से शीर्ष पर पहुंचने में काफी हद तक योगदान दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज दुनिया चंद्रयान, मंगल मिशन और आनेवाले गगनयान से मुग्ध है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पिछले सात वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों को बुनियादी ढांचे के विकास के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ आम नागरिक के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए बढ़ाया गया है. अंतरिक्ष और उपग्रह प्रौद्योगिकी का आज रेलवे, सड़क और पुल निर्माण, कृषि क्षेत्र, आवास, टेली-मेडिसिन आदि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा आपदा प्रबंधन और सटीक मौसम पूर्वानुमान में भी उपयोग हो रहा है.