किसानों के प्रदर्शन के बीच एक सांस्कृतिक आंदोलन भी… सबको पगड़ी बांध रहे तेजिंदर

नयी दिल्ली : किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच यहां एक सांस्कृतिक आंदोलन भी जारी है. यह अपनी संस्कृति से दूर हो रहे युवाओं को जागरूक करने का अभियान है, जिसे पंजाब से आए तेजिंदर सिंह मानसा (Tejindar Singh Mansa) चला रहे हैं. अब तक करीब सात हजार लोगों को निशुल्क पगड़ी बांध चुके मानसा का उद्देश्य युवा पीढ़ी को पगड़ी की अहमियत समझाना है. ताकि वे इसे अपनाएं.

By संवाद न्यूज | December 26, 2020 6:06 PM

नयी दिल्ली : किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच यहां एक सांस्कृतिक आंदोलन भी जारी है. यह अपनी संस्कृति से दूर हो रहे युवाओं को जागरूक करने का अभियान है, जिसे पंजाब से आए तेजिंदर सिंह मानसा (Tejindar Singh Mansa) चला रहे हैं. अब तक करीब सात हजार लोगों को निशुल्क पगड़ी बांध चुके मानसा का उद्देश्य युवा पीढ़ी को पगड़ी की अहमियत समझाना है. ताकि वे इसे अपनाएं.

पंजाब के मानसा जिले के रहने वाले ‘पगड़ी मैन’ तेजिंदर सिंह ने अपने संसाधनों से टर्बन बैंक बनाया है. इसके जरिए वह आम लोगों को पगड़ी दान करते रहते हैं. वह पंजाब के गांव-गांव जाकर बिना पगड़ी घूम रहे लोगों को पगड़ी बांधते हैं. वह साथ में उन्हें समझाते हैं कि पगड़ी की परंपरा क्या है और पूर्वजों ने उसके लिए क्या-क्या त्याग किए हैं. इसके अलावा वह बताते हैं कि सर्दी के मौसम में पगड़ी ठंड से भी बचाती है.

टर्बन बैंक आइए, पगड़ी बंधवाइए

टीकरी बॉर्डर पर तेजिंदर सिंह सुबह से शाम तक लोगों को पगड़ी बांध रहे हैं. उनके टर्बन बैंक में अनेक रंग की पगड़ियां हैं. किसान आंदोलन में आने वाला कोई भी शख्स टर्बन बैंक पर जाकर पगड़ी बंधवा सकता है. लोगों को केसरी पगड़ी ज्यादा पसंद आ रही हैं.

सुबह से शुरू हो जाता है अभियान

तेजिंदर सिंह एक दिसंबर को टीकरी बॉर्डर पहुंचे थे. 10 दिन बाद वह सिंघु बॉर्डर पहुंच गये. वहां भी उन्होंने सैकड़ों लोगों को पगड़ी बांधी. गुरुवार को वे फिर से टीकरी बॉर्डर आ गये. उन्होंने बताया कि सुबह से वह लोगों को पगड़ी पहनाना शुरू कर देते हैं. यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहता है. उनके पास मौजूद पगड़ी सभी रंगों की और लगभग सवा छह मीटर लंबी हैं. जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा उन्होंने लोगों को पगड़ी पहनाने का फैसला लिया है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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