Corona Vaccine: जब ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे थे लोग तब तैयार हुए ये स्वयंसेवक, पढ़ें दो लोगों के अनुभव
नयी दिल्ली : भारत के ड्रग कंट्रोलर (DCGI) ने रविवार को दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को मंजूरी दे दी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक के कौवैक्सीन (Covaxin) को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गयी है. अगले कुछ ही हफ्तों बाद से टीकाकरण (Vaccination) शुरू हो जायेगा. इसको लेकर देश भर में 2 जनवरी को ड्राइ रन भी चलाया गया था. पिछले कई महीनों से देश में चार कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. इनमें से दो को आज मंजूरी मिली है.
नयी दिल्ली : भारत के ड्रग कंट्रोलर (DCGI) ने रविवार को दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को मंजूरी दे दी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक के कौवैक्सीन (Covaxin) को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गयी है. अगले कुछ ही हफ्तों बाद से टीकाकरण (Vaccination) शुरू हो जायेगा. इसको लेकर देश भर में 2 जनवरी को ड्राइ रन भी चलाया गया था. पिछले कई महीनों से देश में चार कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. इनमें से दो को आज मंजूरी मिली है.
बता दें कि ट्रायल के दौरान कंपनियों को वैक्सीन लगवाने के लिए स्वयंसेवकों को जुटाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं कुछ लोग स्वेच्छा से आगे आकर टीका लगवा रहे थे. ऐसे ही दो शख्स हैं कुमार कुंदन और अविनाश सिंह परमार. दोनों ने कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज ली है और आज भी स्वस्थ हैं. उन्होंने उन सभी अफवाहों को खारिज किया है, जिनमें वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में बात की जा रही है.
कुमार कुंदन ने आज ही अपना एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वे टीकाकरण करवाते दिख रहे हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज एम्स में 8 सितंबर 2020 को और दूसरी 10 अक्टूबर को मुझे दिया गया. तीन महीने हो चुके हैं और मैं स्वस्थ हूं. अफवाहों पर नहीं जाएं और वैक्सीन लगाएं डॉ और वैज्ञानिकों को शुक्रिया. उन्होंने सभी अफवाहों को खारिज किया है. बता दें कि कुमार कुंदन को भारत बायोटिक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन लगायी गयी थी.
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बता दें कि आज कोरोना वैक्सीन को मंजूरी जरूर मिल गयी है, लेकिन यह सब इतना आसान न था. वैक्सीन तो काफी पहले बन गई थी पर ट्रायल के लिए लोग नहीं मिल रहे थे. देश भर में लोगों के मन में एक भय था कि अगर वैक्सीन उनके ऊपर इस्तेमाल हुई तो पता नहीं क्या होगा. इस परिस्थिति में झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया निवासी अविनाश सिंह परमार ने खुद को ट्रायल के लिए प्रस्तुत किया.
अविनाश ने बताया कि कोरोना के बारे में हम लोग लगातार सुन ही रहे थे. बिजनेस पर भी असर पड़ा था. नवंबर के दूसरे हफ्ते में एक चिकित्सक मित्र ने मुझे वैक्सीन के ट्रायल के बारे में बताया. मुझे लगा, इस काम को करना चाहिए. मैंने खुद को प्रस्तुत कर दिया. उन्होंने कहा कि मुझे वैक्सीन की पहली डोज 22 नवंबर 2020 को लगायी गयी. उसके बाद दूसरी डोज भी लगायी गयी. वैक्सीन लगाने के बाद मेरे में लेशमात्र भी फर्क नहीं आया. कुछ भी गड़बड़ नहीं हुआ. पूरी तरह से फिट हूं.
क्या आपने अपनी दिनचर्या में कोई परिवर्तन किया. इस सवाल के जवाब पर एकदम नहीं. मेरा जो रूटीन था, उसे ही फॉलो करता रहा. आज भी उसे ही फॉलो कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों में हर किस्म की प्रतिक्रियाएं आती हैं. कोई बोलता था कि आप क्यों तैयार हो गये. कोई बोलता था कि बहुत अच्छा किया. सभी की भावना यही थी कि मैं ठीक से रहूं. ये उनका प्यार है.
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वैक्सीन की मंजूरी के बाद आप कैसा महसूस करते हैं. इस सवाल पर अविनाश ने कहा कि ये बहुत ही खुशी की बात है कि जिस वैक्सीन के लिए आप सब्जेक्ट बनते हैं, वह पास हो जाता है. मैं इसका एक हिस्सा रहा हूं. जाहिर है, मुझे बेइंतहा खुशी है. सबसे अहम था, पत्नी सरिता और दोनों बच्चों का मुझे प्रोत्साहन देना.
Posted by: Amlesh Nandan.