गुजरात चुनाव 2022: इन 16 सीट पर रहेगी खास नजर, जहां जीत-हार का अंतर था बहुत कम
Gujarat Election 2022 : एक सीट पंचमहल जिले की मुस्लिम बहुल गोधरा थी. इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार सी.के. राउलजी ने कांग्रेस के प्रवीण सिंह चौहान को 258 मतों के मामूली अंतर से हराया था. जानें अन्य 16 सीट का हाल
Gujarat Election 2022 : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोरशोर से चुनाव प्रचार कर रहीं है. इस बीच आइए नजर डालते हैं पिछले चुनाव पर जहां हार जीत का अंतर बहुत ही कम रहा था. गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में कम से कम 16 ऐसी सीट रही थी, जिनपर जीत-हार का अंतर 3,000 वोट से कम रहा था. इसने भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों की संभावनाओं को प्रभावित किया था. इनमें से सात सीट पर जीत-हार का अंतर एक हजार वोट से कम रहा था. इन 16 सीट में से 10 पर भाजपा, जबकि छह पर कांग्रेस को जीत मिली थी.
साल 2017 के चुनाव में, जीत-हार का सबसे कम अंतर वलसाड जिले की (अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित) कपराड़ा सीट पर रहा था, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीतूभाई चौधरी ने भाजपा के उम्मीदवार मधुभाई राउत को 170 मतों के अंतर से हराया था. राउत को जहां 92,830 वोट मिले थे, वहीं, चौधरी ने 93 हजार मत हासिल किए थे. चौधरी ने 2020 में पाला बदल लिया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में वह भाजपा के टिकट पर लड़े. अगले महीने होने वाले चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. कुछ मामलों में, यह देखा गया कि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) जैसे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में मिले वोट ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया.
मुस्लिम बहुल गोधरा सीट का हाल
ऐसी ही एक सीट पंचमहल जिले की मुस्लिम बहुल गोधरा थी. इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार सी.के. राउलजी ने कांग्रेस के प्रवीण सिंह चौहान को 258 मतों के मामूली अंतर से हराया था. पूर्व कांग्रेसी राउलजी को एक बार फिर गोधरा सीट से टिकट दिया गया है. इस सीट पर नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) और बसपा को लगभग 4,000 वोट मिले थे. इसके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवारों को 20,000 से थोड़ा अधिक मत प्राप्त हुए थे. भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्रसिंह चुड़ास्मा 2017 में ढोलका सीट से महज 327 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल करने में सफल रहे थे. कई लोगों का मानना है इस सीट पर बसपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और दो निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले लगभग 11,000 वोट ने भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभायी.
गांधीनगर की मानसा सीट का हाल
गांधीनगर की मानसा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश पटेल ने भाजपा के युवा नेता अमित चौधरी को 524 मतों से हराया था. चौधरी ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर उसी सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2017 के चुनाव से पहले वह पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गये थे. अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित डांग एक अन्य सीट थी, जहां से भाजपा के उम्मीदवार विजय पटेल को मात्र 768 मतों से कांग्रेस के मंगल गावित से हार का सामना करना पड़ा था. पूर्व ऊर्जा मंत्री और बोटाद सीट से भाजपा के विधायक सौरभ पटेल 2017 के चुनाव में 906 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल करने में सफल रहे थे. उन्हें 79,623 मत, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी डी.एम. पटेल को 78,717 वोट मिले थे. सौरभ पटेल को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. इसी तरह कई और सीट रहीं, जहां जीत-हार का अंतर काफी कम रहा.