Loading election data...

Black Fungus In Bengal: सिलीगुड़ी में ब्लैक फंगस से तीसरी मौत, लगातार बढ़ रहे मामलों से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप

Black Fungus In Bengal: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में ब्लैक फंसग से तीसरी मौत की खबर सामने आई है. चिंता की बात यह है कि यहां पिछले 24 घंटे में ब्लैक फंगस से दूसरी मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि तीनों मौतें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में हुई हैं. गुरुवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में सिलीगुड़ी के चंपासारी के मिलन मोड़ निवासी ओंकार नाथ चौधरी की ब्लैक फंगस से मौत हो गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2021 7:06 PM

Black Fungus In Bengal: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में ब्लैक फंगस से तीसरी मौत की खबर सामने आई है. चिंता की बात यह है कि यहां पिछले 24 घंटे में ब्लैक फंगस से दूसरी मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि तीनों मौतें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में हुई हैं. गुरुवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में सिलीगुड़ी के चंपासारी के मिलन मोड़ निवासी ओंकार नाथ चौधरी की ब्लैक फंगस से मौत हो गई. वहीं, मृतक के घरवालों के मुताबिक सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण ही मरीज की जान नहीं बचाई जा सकी.

इसके पहले उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बुधवार को सिलीगुड़ी नगर पालिका के प्रधान नगर निवासी गायत्री पासवान और सिलीगुड़ी के करीब पड़ने वाले गजलडोबा निवासी अंजलि ब्यापारी की मौत हुई थी. अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक ईएनटी विभाग में वेंटिलेटर पर रहने के दौरान गुरुवार को ओंकार नाथ चौधरी की मौत हो गई. चिकित्सकों को ब्लैक फंगस के मरीज का इलाज या ऑपरेशन करने का समय नहीं मिला. हालत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गई.

Also Read: Black Fungus In Bengal: सिलीगुड़ी में ब्लैक फंगस से पहली मौत, तीन सप्ताह पहले कोरोना से संक्रमित हुई थी महिला

बताया जाता है कि मृतक ओंकारनाथ चौधरी एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे. इलाज के बाद वो कोरोना से ठीक हो गए थे. इसी बीच उनमें ब्लैक फंगस के संक्रमण की पुष्टि भी हुई थी. इससे पहले दो बार उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हो चुका था. मृतक हाई शुगर के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित थे. 20 मई से सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित एक नर्सिंग होम में उनका इलाज चल रहा था. सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें 24 घंटे वेंटिलेटर पर भी रखा गया था.

Also Read: ब्लैक फंगस और एस्परगिलोसिस के संक्रमण का भी संभव है इलाज, जानिए इसकी रोकथाम पर क्या कहते हैं दिल्ली एम्स के एक्सपर्ट

25 मई को ब्लैक फंगस संक्रमण की पुष्टि के बाद नर्सिंग होम के अधिकारियों ने उन्हें इलाज के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी. मृतक के परिजनों के मुताबिक नर्सिंग होम के चिकित्सकों की सलाह पर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के अधिकारियों से कई बार संपर्क किया गया. लेकिन, ओंकार नाथ चौधरी को तत्काल भर्ती नहीं कराया जा सका. ओंकारनाथ चौधरी की बेटी तुशाली चौधरी के मुताबिक हम अपने पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सुबह से रात तक दौड़ते रहे. हमें बताया गया कि मेरे पिता को भर्ती नहीं किया जा रहा था क्योंकि वहां बेड ही नहीं थे. आखिरकार उन्हें नहीं बचाया जा सका.

Next Article

Exit mobile version