Third wave of Coronavirus : देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है, स्थिति कितनी भयावयह है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन चार लाख या उससे आसपास संक्रमण के मामले रोज आ रहे हैं. ऐसे में केंद्र की ओर से यह आशंका जता दी गयी है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोकना संभव नहीं है.
कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक है तो तीसरी लहर में क्या होगा? यह सवाल आज भारतीय के जुबान और दिलो दिमाग पर छाया हुआ है. दिल्ली में आॅक्सीजन सप्लाई के मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अगर देश में कोरोना की तीसरी लहर आयी तो सरकार उससे कैसे निपटेगी. चूंकि आशंका जतायी गयी है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी तो सरकार ने उसके लिए क्या इंतजाम किये हैं?
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आपको अभी से तैयारी करनी होगी. बच्चों के इलाज उनके मां-बाप की स्थिति सबकुछ को लेकर विचार करना होगा. साथ ही अस्पताल में डाॅक्टर-नर्स की कमी ना हो इसे भी देखना होगा.
गौरतलब है कि कल एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने चेताया था कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आयेगी. इससे निपटने के लिए सरकार को देश में अस्पतालों की स्थिति सुधारनी होगी. इसके अलावा सरकार को दो सप्ताह का लाॅकडाउन और वैक्सीनेशन पर भी जोर देना होगा.
नीति आयोग ने भी कल यह कहा था कि देश में कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोकना संभव नहीं है. ऐसे में यह जरूरी है कि तीसरी लहर को नियंत्रित करने और उसे भयावह होने से रोकने के लिए सरकार अभी से उपाय करे.
चूंकि कोरोना की तीसरी लहर 12 साल से कम के बच्चों को प्रभावित करने वाली है, इसलिए इसे लेकर लोगों के मन में तमाम तरह की आशंकाएं हैं. दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा भी सरकार के लिए चिंता की वजह बना है जिसकी चर्चा कल स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस काॅन्फ्रेंस में की गयी थी.
Posted By : Rajneesh Anand