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Jammu Kashmir की इस खास मशरूम को मिलेगा GI टैग, मिलेगी इंटरनेशनल पहचान

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में हिमालय की तलहटी में पाये जाने वाले इस मशरूम का गुच्छी नाम उर्दू से लिया गया है. चिनाब घाटी में काइच के नाम से भी जाना जाता है. यह अखनूर में चिनाब नदी के किनारे भी मिलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2023 10:09 AM

Jammu Kashmir: दुनिया के सबसे महंगे खाद्य पदार्थों में शुमार जम्मू-कश्मीर के गुच्छी मशरूम की अब जीआइ टैंगिंग (GI Tagging) होगी. इससे इस मशरूम के अद्वितीय गुणों को कानूनी रूप से सुरक्षा मिलेगी. साथ ही अन्य क्षेत्रों या देशों द्वारा इसके दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. प्रशासन ने इस बेहद दुर्लभ व औषधीय गुणों से भरे मशरूम को जीआइ टैग दिलाने के लिए आवेदन कर दिया है. जीआइ टैग मिलते ही गुच्छी को दुनियाभर में खास पहचान भी मिलेगी. गुच्छी के लिए जीआइ टैग अगले दो महीनों में स्वीकृत होने की उम्मीद है. जीआइ टैग मिलने से गुच्छी का बाजार मूल्य और बढ़ेगा. इससे स्थानीय लोगों को फायदा होगा, विशेषकर उन्हें जो इसे जंगलों से कड़ी मेहनत के बाद इकट्ठा करते हैं. अभी 30,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये प्रति किलो मिलता है.

कहां से मिला गुच्छी का नाम

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में हिमालय की तलहटी में पाये जाने वाले इस मशरूम का गुच्छी नाम उर्दू से लिया गया है. चिनाब घाटी में काइच के नाम से भी जाना जाता है. यह अखनूर में चिनाब नदी के किनारे भी मिलता है. यह मशरूम राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, कुपवाड़ा व रामबन जिलों में भी मिलता है. खेती के लिए अभी तक कोई वैज्ञानिक मानक नहीं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बर्फ पिघलने के बाद फरवरी से अप्रैल के बीच जब आसमान में बादलों की गड़गड़ाहट होती है, तो जंगल में जमीन के नीचे से गुच्छी ऊपर निकल आती है. आज तक वैज्ञानिक इसकी पैदावार को लेकर कोई खोज नहीं कर पाये हैं.

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यूं ही नहीं है खास

अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर इस मशरुम की क्या खासियत है तो बता दें-

  • इस मशरुम की कीमत 30,000 से लेकर 50,000 प्रति किलो तक जाती है.

  • प्राकृतिक रूप से उगने वाले इस मशरूम को माना जाता है सुपर फूड.

  • विटामिन B, C, D और K से भरपूर होता है यह मशरूम .

  • स्पंजी बनावट व छत्ते जैसी संरचना इसकी खास पहचान .

  • दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद .

क्यों है इतनी महंगी

गुच्छी के महंगे होने का एक कारण यह भी बताया जाता है कि इसमें पाये जाने वाले कई तत्व औषधीय गुणों से भरपूर हैं. इसमें B कांप्लेक्स, बिटामिन D व विटामिन C किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ के मुकाबले बहुत ज्यादा पाया जाता है. स्थानीय लोग दिल के मरीजों को इसका सेवन करने की सलाह देते हैं.

लोगों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

जम्मू शिवालिक में स्थानीय लोगों, स्वयं सहायता समूहों को मशरूम संग्रह, प्रसंस्करण तकनीक और बाजार ज्ञान के बारे में औपचारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस पहल से स्थानीय लोगों को गुच्ची इकट्ठा करके और बाजार में बेचकर आजीविका कमाने में मदद मिलेगी.

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गुच्छी की कुछ खास बातें

  • यह जंगली मशरूम हिमालय की अल्पाइन ट्री लाइन में पाया जाता है

  • अभी तक इसकी खेती के लिए कोई मानक वैज्ञानिक तकनीक नहीं

  • दुर्लभ और औषधीय गुणों से भरपूर यह मशरूम होता है बेहद लजीज

  • जीआइ टैग से लाभ

  • इसके अद्वितीय गुणों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी

  • अन्य क्षेत्रों या देशों द्वारा इसका दुरुपयोग रुकेगा

  • इसका बाजार मूल्य और भी बढ़ेगा

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