सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘गोडसे जिंदाबाद’, बोले भाजपा सांसद वरुण गांधी- शर्मनाक

Gandhi Jayanti/Varun Gandhi: वरुण गांधी ने लिखा कि गोडसे जिंदाबाद ट्वीट करने वाले गैर जिम्मेदार हैं. वे हमारे देश को शर्मसार कर रहे हैं. गौर हो कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. गोडसे को इसके लिए फांसी की सजा मिली थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2021 1:57 PM
an image

भाजपा सांसद वरुण गांधी सोशल मीडिया पर ‘गोडसे जिंदाबाद’ के ट्रेंड होने से नाराज हैं. गौर हो कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. गोडसे को इसके लिए फांसी की सजा मिली थी.

वरुण गांधी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि भारत हमेशा से आध्यात्मिक महाशक्ति रहा. लेकिन यह महात्मा (महात्मा गांधी) हैं जिन्होंने हमारे राष्ट्र के आध्यात्मिक आधार को अपने अस्तित्व के माध्यम से व्यक्त किया और हमें एक नैतिक अधिकार दिया जो आज भी हमारी सबसे बड़ी ताकत है.

आगे उन्होंने लिखा कि गोडसे जिंदाबाद ट्वीट करने वाले गैर जिम्मेदार हैं. वे हमारे देश को शर्मसार कर रहे हैं

सोनिया और राहुल ने बापू, शास्त्री को श्रद्धांजलि दी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने बापू और शास्त्री की समाधि स्थलों पर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस अवसर पर राहुल गांधी ने किसानों के आंदोलन का हवाला देते हुए महात्मा गांधी एक कथन का उल्लेख किया. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि विजय के लिए केवल एक सत्याग्रही ही काफ़ी है. महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि.

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 152वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका जीवन व आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा. मोदी ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा.

अहिंसक विरोध गांधी ने सिखाया

गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 में हुआ था. अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया. अहिंसक विरोध का उनका सिखाया हुआ सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है.

Posted By : Amitabh Kumar

Exit mobile version