तेजपुर : आज देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचनेवाले इस स्तर तक पहुंच गये हैं कि भारत की चाय को भी नहीं छोड़ रहे हैं. कुछ दस्तावेज सामने आये हैं, जिनसे खुलासा होता है कि विदेश में बैठी कुछ ताकतें चाय के साथ भारत की जो पहचान जुड़ी है, उस पर हमला करने की फिराक में हैं. उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के तेजपुर में विकास परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए कहीं.
#WATCH | People who are conspiring to defame India have stooped so low that they're not sparing even Indian tea… Some documents have come up revealing that some foreign powers are planning to attack India's identity associated with tea. Will you accept this attack?: PM in Assam pic.twitter.com/6BCOBIn1ET
— ANI (@ANI) February 7, 2021
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम सब हमेशा से सुनते आये हैं, देखते आये हैं कि देश की पहली सुबह पूर्वोत्तर से होती है. लेकिन, सच्चाई ये भी है कि पूर्वोत्तर और असम में विकास की इस सुबह को एक लंबा इंतजार करना पड़ा है. हिंसा, अभाव, भेदभाव, तनाव, पक्षपात, संघर्ष इन सारी बातों को पीछे छोड़कर अब पूरा नॉर्थ ईस्ट विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और असम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है. ऐतिहासिक बोडो समझौते के बाद हाल ही में बोडोलैंड टेरीटोरियल के चुनावों ने यहां विकास और विश्वास का नया अध्याय लिख दिया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे देश के गरीब के घर में टैलेंट की कमी नहीं होती है. बस उन्हें अवसर नहीं मिलता. आजाद भारत जब 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो मेरा एक सपना है- हर राज्य में कम-से-कम एक मेडिकल कॉलेज, कम-से-कम एक टेक्निकल कॉलेज मातृभाषा में पढ़ाना शुरू करे. चुनाव के बाद असम में जब नयी सरकार बनेगी, तो मैं असम के लोगों की तरफ से आपको वादा करता हूं कि असम में भी एक मेडिकल कॉलेज और एक टेक्निकल कॉलेज स्थानीय भाषा में हम शुरू करेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि असम भी देश के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहा है. आयुष्मान भारत योजना हो, जन औषधि केंद्र हो, प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम या हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र हो, सामान्य मानव के जीवन में जो बदलाव आज पूरा देश देख रहा है, वही बदलाव, वही सुधार असम में भी दिख रहे हैं. आज असम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ लगभग सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है. इस योजना में 350 से ज्यादा असम के अस्पताल इस योजना में जुड़ चुके हैं. असम के 1.5 लाख गरीब आयुष्मान योजना से अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं. स्वास्थ सेवाओं को लेकर संवेदनशीलता और आधुनिक सुविधाओं के महत्व को कोरोना काल में देश ने बखूबी महसूस किया है.
असम के तेजपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सोनितपुर की लाल चाय तो वैसे भी अपने अलग फ्लेवर के लिए जानी जाती है. यहां की चाय का स्वाद कितना खास होता है, ये मुझसे बेहतर भला कौन जानेगा. लेकिन, आज देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचनेवाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि भारत की चाय को भी नहीं छोड़ रहे हैं. कुछ दस्तावेज सामने आये हैं, जिनसे खुलासा होता है कि विदेश में बैठी कुछ ताकतें चाय के साथ भारत की जो पहचान जुड़ी है, उस पर हमला करने की फिराक में हैं.